Bangalore News: डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ब्लैकबक ने बेंगलुरु से अपना कार्यालय हटाने का निर्णय लिया है। कंपनी के सीईओ राजेश कुमार याबाजी ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा करते हुए बताया कि शहर की खराब सड़कों और यातायात की समस्या ने यह फैसला करने के लिए मजबूर किया। बेलंदूर स्थित उनके कार्यालय क्षेत्र में गड्ढों और धूल भरी सड़कों ने कर्मचारियों के आवागमन को मुश्किल बना दिया था।
क्यों लिया यह फैसला
सीईओ राजेश याबाजी ने बताया कि कर्मचारियों को ऑफिस आने-जाने में एक तरफ से डेढ़ घंटे का समय लगता है। सड़कों की खराब हालत और धूल ने काम करने की स्थितियों को कठिन बना दिया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से इन समस्याओं को ठीक करने की कोई विशेष इच्छा नजर नहीं आ रही है। अगले पांच वर्षों तक स्थिति में सुधार की भी कोई उम्मीद नहीं दिखती।
क्या है ब्लैकबक कंपनी
ब्लैकबक भारत के सबसे बड़े डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म में से एक है। कंपनी का वास्तविक नाम जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस है। यह प्लेटफॉर्म ट्रक ऑपरेटरों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी की स्थापना 2015 में हुई थी और इसकी वर्तमान वैल्यू लगभग 10,900 करोड़ रुपये है।
कैसे काम करता है प्लेटफॉर्म
यह प्लेटफॉर्म ट्रक ड्राइवरों को भुगतान, वाहन ट्रैकिंग और माल ढुलाई सेवाएं प्रदान करता है। ट्रक ऑपरेटर इसके माध्यम से टोल और ईंधन लेनदेन प्रबंधित कर सकते हैं। प्लेटफॉर्म खाली ट्रक को भरने और माल ढुलाई दरें तय करने में मदद करता है। टेलीमैटिक्स तकनीक की मदद से ऑपरेटर अपने वाहनों और ड्राइवरों पर नजर रख सकते हैं।
शहर की बुनियादी समस्याएं
बेंगलुरु का आउटर रिंग रोड क्षेत्र शहर का प्रमुख आईटी कॉरिडोर है। यहां यातायात की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। ग्रेटर बेंगलुरु आईटी कंपनियों और उद्योगों के संघ ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। संघ के महासचिव ने बुनियादी ढांचे की उपेक्षा पर असंतोष व्यक्त किया है।
बढ़ती हुई चिंता
ब्लैकबक पहली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने शहर की बुनियादी सुविधाओं की खराब स्थिति के कारण बेंगलुरु छोड़ने का फैसला किया हो। पहले भी कई कंपनियों ने इस तरह की समस्याओं का सामना किया है। शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। व्यापारिक समुदाय शहर प्रशासन से त्वरित कार्यवाही की मांग कर रहा है।
