Shimla News: हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा टीजीटी आट्र्स, मेडिकल/ नॉन मेडिकल के प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कमीशन और बैचवाइज पदों को भरने की मंजूरी प्रदान करने पर आभार जताया है।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गौतम और महासचिव भूपिंद्र पाल सहित हजारों बीएड धारकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, शिक्षामंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा विभाग का धन्यवाद किया है। यूनियन ने विशेष रूप से लाल सिंह कौशल निदेशक सहकारी बैंक द्वारा मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष बीएड डिग्री धारकों की मांगों को प्रमुखता से उठाया और पैरवी भी की।
इसके लिए उन्होंने सहकारी बैंक निदेशक लाल सिंह कौशल का भी आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा बेरोजगार बीएड यूनियन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आश्रय कोष में चेक भी भेंट किया। इसके बाद यूनियन के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें भी अपना ज्ञापन दिया।
यूनियन ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि भर्तियों से संबंधित विवाद कोर्ट में समय रहते सुलझाए जाएं ताकि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ज्यादा पद खाली न रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनहितैषी फैसले ले रही है।
अभी हाल ही में मार्च 2023 में प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा 11 जिलों में जेबीटी पदों को भरने के लिए बैचवाइज भर्ती के लिए कांउसिलिंग करवाई गई। जिसमें बीएड डिग्री धारकों को बराबर का मौका देने के लिए सरकार का धन्यवाद किया है। वहीं परिणाम पुराने भर्ती नियमों के तहत जल्दी से जल्दी घोषित किया जाएं ताकि समय पर रोजगार मिल सके।
भविष्य में जेबीटी पदों को भरने से पूर्व जेबीटी टैट करवाने के बाद ही जेबीटी पदों पर बैचवाइज और कमीशन के माध्यम से भर्तियां की जाए। उच्च न्यायालय में जेबीटी टैट में वर्ष 2022 से स्टे लगा हुआ है। सरकार भी इसको हटाने की पैरवी करे। यूनियन ने तर्क दिया कि कोविड-19 और न्यायलय विवादों के चलते समस्त सरकारी भर्तियां प्रभावित हुई थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकतर बीएड डिग्री धारकों 45 वर्ष की आयु सीमा पार कर चुके हैं। इसलिए सरकार निर्धारित आयु सीमा में सभी वर्गों को एक मुश्त छुट प्रदान की जाए और साथ में सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को भी बढ़ा दिया जाए।