Himachal News: क्या आप जानते हैं कि देश के बैंक और एलआईसी (LIC) में अरबों रुपये लावारिस पड़े हैं? पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। उनका कहना है कि बैंक में पड़ी इस भारी रकम का इस्तेमाल गरीब और आपदा पीड़ितों के लिए होना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से कानून बनाकर इस पैसे का सही उपयोग करने की अपील की है।
सरकार ने मानी लावारिस धन की बात
शांता कुमार ने खुशी जताई है कि केंद्र सरकार ने उनकी बात पर ध्यान दिया है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि बैंक और अन्य संस्थाओं में करीब 2 लाख करोड़ रुपये लावारिस हैं।
- यह पैसा उन लोगों का है जिन्होंने इसे जमा कराया था।
- खाताधारकों की मृत्यु के बाद किसी ने इस पर दावा नहीं किया।
- इन पैसों का अब कोई कानूनी वारिस नहीं बचा है।
शांता कुमार का कहना है कि यह देश का पैसा है और इसका सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है।
डेढ़ लाख करोड़ गरीबों को देने का सुझाव
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पैसे के उपयोग का एक फार्मूला सरकार को दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि बैंक में जमा कुल राशि में से सरकार 50 हजार करोड़ रुपये अपने पास रख ले। अगर भविष्य में कोई असली वारिस आता है, तो उसे भुगतान किया जा सके। लेकिन बाकी बचे 1.5 लाख करोड़ रुपये को तुरंत आपदा ग्रस्त लोगों की मदद में लगाया जाए।
हिमाचल में आई आपदा का दिया हवाला
शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश की त्रासदी का विशेष जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारी बरसात से उजड़े लोगों को फिर से बसाने के लिए सरकार के पास पर्याप्त साधन नहीं हैं। बैंक में पड़ा यह लावारिस धन ऐसे ही बेघर और जरूरतमंद लोगों की जिंदगी संवार सकता है। उन्होंने मांग की है कि पूरे देश में आपदा प्रभावितों की मदद के लिए इस फंड का उपयोग हो।
