शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बांके बिहारी मंदिर: 54 साल बाद खुला तोशाखाना, सुप्रीम कोर्ट समिति की निगरानी में हुई जांच

Share

Uttar Pradesh News: मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर का तोशाखाना रविवार को लगातार दूसरे दिन खोला गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निर्देशानुसार यह प्रक्रिया पूरी हुई। कोषागार के अंदर मिली वस्तुओं की विस्तृत सूची तैयार की गई है।

तोशाखाना खोलने की प्रक्रिया

मंदिर का तोशाखाना शनिवार को करीब 54 साल बाद पहली बार खोला गया था। रविवार को दोपहर एक बजे यह प्रक्रिया फिर से शुरू हुई। न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के सदस्य और मंदिर के गोस्वामी इस दौरान मौजूद रहे। सुरक्षा गार्डों ने भी पूरी प्रक्रिया की निगरानी की।

कोषागार में मिली वस्तुएं

तोशाखाना खोलने पर विभिन्न वस्तुएं मिली हैं। एक तिजोरी में तांबे के दो सिक्के और कुछ पत्थर पाए गए। दूसरी तिजोरी में तीन से चार पत्थर निकले। एक बक्से में चांदी की तीन छड़ियां और सोने की एक छड़ी भी मिली। यह सोने की छड़ी होली के समय प्रयोग की जाती थी।

गोस्वामी समुदाय का विरोध

गोस्वामी समुदाय ने तोशाखाना खोले जाने का विरोध किया है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य शैलेंद्र गोस्वामी ने इस कदम को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि समिति को यह अधिकार नहीं दिया गया था। समिति का मुख्य कार्य भक्तों के दर्शन की सुविधा सुनिश्चित करना था।

यह भी पढ़ें:  कटनी कांड: अवैध खनन के विरोध पर दलित युवक पर पेशाब करने वाले चारों आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने घोषित किया था इनाम

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह समिति को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। अपर जिलाधिकारी पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि कमरा खोलने में कुछ कठिनाई आई। शनिवार को यह प्रक्रिया दोपहर एक बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे समाप्त हुई।

मंदिर प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पहले एक विस्तृत आदेश जारी किया था। इसके तहत मंदिर के दैनिक कार्यों की देखरेख के लिए समिति का गठन किया गया। इस समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार कर रहे हैं। समिति में कुल बारह सदस्य शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:  विदेश मंत्री जयशंकर: अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो से कुआला लम्पुर में महत्वपूर्ण मुलाकात

सेवायतों की चिंताएं

मंदिर के सेवायत ज्ञानेंद्र गोस्वामी ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि मीडिया को इसकी कवरेज करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। सुप्रीम कोर्ट के वकील और मंदिर सेवायत सुमित गोस्वामी ने भी इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। उन्होंने समिति के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए।

निरीक्षण कार्य की स्थिति

उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी के अनुसार निरीक्षण कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि अब खोजने के लिए कुछ भी शेष नहीं है। कोषागार में मिली सभी वस्तुओं की सूची तैयार कर ली गई है। यह सूची समिति को सौंप दी जाएगी।

भविष्य की प्रक्रिया

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि समिति इस सूची के आधार पर क्या कार्रवाई करती है। नगर मजिस्ट्रेट द्वारा तैयार की जाने वाली रिपोर्ट भी आगे की कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मंदिर प्रबंधन से जुड़े सभी पक्ष इस विकास पर नजर बनाए हुए हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News