Delhi News: वृंदावन (Vrindavan) के प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी जी मंदिर (Banke Bihari Temple) की व्यवस्था को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बेहद अहम और सख्त टिप्पणी की है।
कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि हम अपनी भक्ति में यह भूल गए हैं कि भगवान को भी आराम की जरूरत होती है। मौजूदा हालात को देखकर अदालत ने इसे देवता का ‘शोषण’ तक कह डाला है। यह खबर उन सभी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो वृंदावन जाने की योजना बना रहे हैं या वहां की व्यवस्था को करीब से जानते हैं।
क्या भगवान को ‘ओवरटाइम’ करना चाहिए?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने एक बहुत ही तार्किक (Logical) बात कही। हम बांके बिहारी जी को बाल स्वरूप में पूजते हैं, उनका लाड़-लड़ाते हैं, लेकिन क्या हम उन्हें सोने का समय देते हैं?
मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मौजूदा सिस्टम में देवता को एक मिनट का भी आराम नहीं मिल रहा। इसे भक्ति नहीं, बल्कि एक तरह का शोषण माना जाना चाहिए। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन तर्क सही है— जब भक्त थक सकते हैं, तो भगवान को भी तो विश्राम चाहिए।
12 बजे के बाद ‘VIP पूजा’ का खेल
कोर्ट ने सबसे ज्यादा नाराजगी दोपहर 12 बजे के बाद होने वाली गतिविधियों पर जताई। नियम के मुताबिक, दोपहर 12 बजे मंदिर के पट बंद हो जाते हैं ताकि ठाकुर जी विश्राम कर सकें। लेकिन असलियत कुछ और ही है।
सीजेआई सूर्यकांत ने टिप्पणी की:
“दोपहर 12 बजे मंदिर बंद होने के बाद भी देवता को आराम नहीं करने दिया जाता। इसी समय सबसे ज्यादा विशेष पूजा (Special Pooja) कराई जाती है।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि यह विशेष पूजा सिर्फ उन ‘सम्पन्न’ लोगों के लिए होती है जो इसके लिए मोटी रकम चुका सकते हैं। यानी, आम भक्त के लिए दरवाजा बंद, लेकिन पैसे वालों के लिए भगवान की नींद में भी खलल!
किसे मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस?
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत एक्शन लिया है। बेंच ने निम्नलिखित को नोटिस जारी किया है:
- हाई पावर्ड टेंपल मैनेजमेंट कमिटी (High Powered Temple Management Committee)
- उत्तर प्रदेश सरकार
कोर्ट ने इनसे मौजूदा व्यवस्था और दर्शन की टाइमिंग को लेकर जवाब मांगा है।
सुनवाई करने वाली बेंच में कौन शामिल था?
यह सुनवाई तीन जजों की विशेष पीठ कर रही थी:
- मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत
- जस्टिस जॉयमाल्या बागची
- जस्टिस विपुल पंचोली
आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद उम्मीद है कि बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की टाइमिंग और VIP कल्चर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कोर्ट का मकसद साफ है— व्यवस्था ऐसी हो जिससे आम भक्तों को दर्शन भी मिले और ठाकुर जी की सेवा के नियमों (मर्यादा) का पालन भी हो।
अब देखना यह होगा कि मंदिर कमिटी और यूपी सरकार इस नोटिस का क्या जवाब देती है और क्या व्यवस्था में सुधार होता है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर के बारे में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में देवता को आराम नहीं मिल रहा है, जो कि एक तरह का शोषण है।
2. बांके बिहारी मंदिर में 12 बजे के बाद क्या होता है?
कोर्ट के अनुसार, 12 बजे के बाद पैसे लेकर विशेष या VIP पूजा कराई जाती है, जिससे देवता को विश्राम नहीं मिलता।
3. यह सुनवाई किस बेंच ने की?
सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की पीठ ने की।
