Kangra News: गड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (KCCB) में हुए करोड़ों रुपये के कथित घोटाले ने एक नया मोड़ ले लिया है। नगरोटा बगवां के पूर्व विधायक अरुण मेहरा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने सीधे तौर पर राज्य सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग और लोगों की जमा पूंजी से खिलवाड़ का आरोप लगाया है।
मेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के अधीन एक विभाग में यह घोटाला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के अपने ही सहयोगी इस घोटाले में संलिप्त पाए जा रहे हैं। सभी कानूनों और नियमों को दरकिनार करके मोटी रकम हड़पी गई है। मुख्यमंत्री की इस मामले में चुप्पी संदेह पैदा करती है।
होटल की बिक्री पर उठे सवाल
पूर्व विधायक ने एक होटल की बिक्री को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि 24 करोड़ 21 लाख रुपये माफ करके होटल महज 21 करोड़ 63 लाख रुपये में बेचा गया। उन्होंने मांग की कि इस खरीदार परिवार द्वारा 1998 के बाद अर्जित सारी संपत्ति की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
मेहरा ने वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना के नाम पर हुए बड़े घोटाले का भी खुलासा किया। उन्होंने सरकार पर ओटीएस के जरिए लोगों की जमा पूंजी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने पत्रकारों के सामने पुख्ता दस्तावेज भी पेश किए।
नीलामी न होने पर सवाल
पूर्व विधायक ने एक अहम मुद्दा उठाते हुए पूछा कि जब ओटीएस की अवधि समाप्त हो गई थी, तो होटल की ताला बंदी कर नीलामी की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू की गई। इस सवाल ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। उन्होंने खरीदारों के नाम भी सार्वजनिक किए।
मेहरा ने कहा कि अगर इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराई गई, तो वह तथ्यों के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने मांग की कि सीबीआई इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करे और दोषियों को सजा दिलाए। इस मामले में जनता का पैसा डूबने का खतरा बना हुआ है।
