Himachal News: हिमाचल प्रदेश के गोहर में एक बैंक (Bank) मैनेजर की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। यहां हिमाचल ग्रामीण बैंक (Bank) के शाखा प्रबंधक पर उपभोक्ताओं को बेवजह परेशान करने का आरोप लगा है। व्यापार मंडल गोहर के सचिव राजीव शर्मा ने बैंक (Bank) के जनरल मैनेजर से लिखित शिकायत की है। उनका कहना है कि लोन चुकाने के बाद भी उन्हें ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ (NOC) के लिए चक्कर लगवाए जा रहे हैं।
नियमों के खिलाफ मांगे दस्तावेज
राजीव शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका केसीसी खाता (संख्या 87248600000057) बिमला देवी और राजीव कुमार के नाम पर था। उन्होंने बैंक (Bank) का पूरा कर्ज चुका दिया और खाता बंद करने का आवेदन दिया। इसके बाद उन्होंने एनओसी मांगी। आरोप है कि शाखा प्रबंधक ने उनसे जमीन की नकल लाने को कहा। आरबीआई (RBI) के नियमों के मुताबिक, केसीसी बंद करते समय नकल की जरूरत नहीं होती। यह दस्तावेज केवल लोन लेते समय अनिवार्य होता है।
अभद्रता का लगाया आरोप
शिकायतकर्ता का कहना है कि जब वे नकल लेकर पहुंचे, तो मैनेजर ने काम करने से मना कर दिया। आरोप है कि मैनेजर ने कहा, “अभी मैं बिजी हूं, मेरे सिर पर मत चढ़ो।” कई दिनों बाद भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। शर्मा ने बताया कि गोहर के एक बड़े व्यापारी के साथ भी ऐसा ही व्यवहार हुआ। इस कारण उस व्यापारी ने अपना लाखों का लेनदेन वाला खाता बंद करवा दिया। लोगों का कहना है कि बैंक (Bank) मैनेजर आम जनता से भी सही व्यवहार नहीं करते हैं।
मैनेजर ने आरोपों को नकारा
शाखा प्रबंधक अनिल कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने सफाई दी कि उपभोक्ता ने जब एनओसी मांगी, तब वे फील्ड विजिट पर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क पर खड़े होकर प्रमाण पत्र देना संभव नहीं है। मैनेजर ने बदतमीजी की बात से भी इनकार किया। उनका कहना है कि जब बैंक (Bank) अच्छा काम करता है तो कोई तारीफ नहीं करता, लेकिन छोटी बातों का बतंगड़ बनाया जाता है। फिलहाल कई ग्राहक सेवाओं से नाखुश हैं।
