National News: पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहां भारत के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ गई है। हालांकि, अभी तक अरबों डॉलर के आपसी व्यापार पर कोई रोक नहीं लगी है। लेकिन अगर तनाव और बढ़ा, तो इसका सीधा असर आयात-निर्यात पर पड़ सकता है। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
भारत के पक्ष में है पूरा व्यापार
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच कुल 13.51 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। इस व्यापार में भारत का पलड़ा भारी है। भारत ने बांग्लादेश को करीब 11.46 बिलियन डॉलर का सामान बेचा है। वहीं, वहां से केवल 2.05 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा गया। यानी भारत को इस व्यापार में करीब 9.41 बिलियन डॉलर का बड़ा मुनाफा (सरप्लस) हुआ है।
बिजली और कपास के लिए भारत पर निर्भर
बांग्लादेश अपनी कई बुनियादी जरूरतों के लिए भारत पर निर्भर है। भारत वहां खनिज ईंधन और तेल भेजता है, जिसका मूल्य 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। इसके अलावा 578 मिलियन डॉलर का कपास और सूती धागा भी निर्यात किया जाता है। भारत अपने पड़ोसी को 1160 मेगावाट बिजली की सप्लाई भी करता है। खाने-पीने की चीजें जैसे चावल, गेहूं और फल भी भारत से ही जाते हैं।
भारत क्या खरीदता है?
भारत वहां से मुख्य रूप से तैयार कपड़े और जूट का सामान आयात करता है। साल 2024-25 में बांग्लादेश से मछली खरीदने में 42% की बढ़ोतरी हुई है। व्यापार को आसान बनाने के लिए अब दोनों देश डॉलर की जगह भारतीय रुपये में लेनदेन कर रहे हैं। हालांकि, कपड़ा बाजार में अब चीन की दखलंदाजी बढ़ गई है। इससे भारतीय धागा निर्यातकों को कड़ी टक्कर मिल रही है।
