Bangladesh News: बांग्लादेश में स्थिति एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और जमकर बवाल काट रहे हैं। उपद्रवियों ने राजशाही स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग पर पत्थरों से हमला किया है। ढाका में भी भारत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई है। इस हिंसा और आगजनी के बाद भारत सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। भारत ने सुरक्षा को लेकर बांग्लादेशी राजदूत को तलब किया है और अपनी चिंता जाहिर की है। सुरक्षा कारणों से राजशाही और खुलना में वीजा सेंटर बंद कर दिए गए हैं।
भारत विरोधी नारों की वजह
ढाका में भारतीय उच्चायोग के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने ‘दिल्ली को सिर काटो’ जैसे भड़काऊ नारे लगाए। उग्र भीड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले भी फूंके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये प्रदर्शनकारी भारत सरकार से नाराज हैं। उनका मानना है कि अगस्त 2024 में सत्ता गंवाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत ने शरण दी है। प्रदर्शनकारी इसे भारत का हसीना को समर्थन मान रहे हैं।
युवा नेता की मौत से बिगड़े हालात
ताजा हिंसा की शुरुआत एक युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हुई। हादी की अस्पताल में मौत होते ही देश भर में गुस्सा भड़क उठा। देखते ही देखते विरोध ने हिंसक रूप ले लिया। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने जब भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो उनके बीच हिंसक झड़पें भी हुईं। इस घटना ने पूरे देश में अस्थिरता पैदा कर दी है।
शेख हसीना और अंतरिम सरकार का रुख
बांग्लादेश में अभी मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है। देश में फरवरी 2026 में आम चुनाव होने हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही वहां राजनीतिक हालात ठीक नहीं हैं। यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह अवामी लीग को निशाना बना रही है। साथ ही हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को भी अनदेखा किया जा रहा है। हाल ही में शेख हसीना ने 1971 युद्ध में भारत की मदद को लेकर बयान दिया था, जिससे प्रदर्शनकारी और भड़क गए।
चीन-पाकिस्तान कनेक्शन और गिरती अर्थव्यवस्था
मीडिया रिपोर्ट्स में इस हिंसा के पीछे चीन और पाकिस्तान की साजिश का भी जिक्र है। दावा किया जा रहा है कि चीन की नजर भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर है। वहीं, यूनुस सरकार पर पाकिस्तान के करीब होने के आरोप लग रहे हैं। इन सबके बीच बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था डूब रही है। देश की जीडीपी गिरकर 3.3% पर आ गई है और महंगाई 8% से ऊपर है। गरीबी भी बढ़कर 28% तक पहुंच गई है।
