शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

बांग्लादेश: शेख हसीना के मामले में आज फैसले से पहले सुरक्षा चरम पर, कई जगह हुए ब्लास्ट; ढाका में छाया सन्नाटा

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Dhaka News: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार का दिन बेहद तनावपूर्ण है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मामले में आज अदालत का फैसला आना है। इससे पहले शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सड़कें सुनसान हैं और सेना अलर्ट पर है। कच्चे बम विस्फोटों ने माहौल को और गर्म कर दिया है।

ढाका के कई इलाकों में सड़कें पूरी तरह खाली नजर आ रही हैं। अधिकतर दुकानें बंद हैं और लोग अनिश्चितता के बीच घरों में दुबके हुए हैं। एक ऑटो रिक्शा चालक ने बताया कि उसने पहले कभी इतना सन्नाटा नहीं देखा। सुबह से काम पर निकला, लेकिन सफर तय करने वाले यात्री ही नहीं मिले।

पिछले कुछ दिनों में ढाका समेत कई जिलों में तीस से अधिक क्रूड बम विस्फोट हुए हैं। रविवार को भी कई स्थानों पर धमाके सुनाई दिए। दर्जनों बसों में आग लगा दी गई। हालांकि इन घटनाओं में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इनसे लोगों में डर का माहौल बन गया है।

सुरक्षा बलों ने उपद्रव रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। ढाका पुलिस आयुक्त ने आदेश दिया है कि आगजनी या बम फेंकने की कोशिश करने वालों पर सीधे गोली चलाई जाएगी। राजधानी में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। सरकारी इमारतों और अहम चौराहों पर रैपिड एक्शन बटालियन मौजूद है।

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फैसले के राजनीतिक निहितार्थ

यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति के भविष्य की दिशा तय करेगा। शेख हसीना देश की सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली नेता रह चुकी हैं। पिछले साल छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें सत्ता से हटा दिया गया था। उन पर मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा भड़काने के आरोप हैं।

हसीना इन सभी आरोपों से इनकार करती हैं। वह अगस्त 2024 से भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रही हैं। अदालत ने उनकी अनुपस्थिति में ही इस मामले की सुनवाई पूरी की है। आज का निर्णय यह तय करेगा कि उनकी राजनीतिक वापसी के रास्ते खुलते हैं या बंद हो जाते हैं।

सरकार और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप

मौजूदा यूनुस सरकार ने फैसले का पालन सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया है। गृह मंत्री ने कहा कि ट्रिब्यूनल का निर्णय लागू किया जाएगा और जनता इसे स्वीकार करेगी। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में बताया, हालांकि मामूली घटनाओं के जारी रहने की आशंका जताई।

सरकार का आरोप है कि हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थक हिंसा फैला रहे हैं। इसके विपरीत, विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार खुद माहौल को बिगाड़ रही है। उनका कहना है कि यह सब अदालत पर दबाव डालने की एक साजिश है।

आगामी चुनावों पर असर

बांग्लादेश में आने वाले महीनों में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं। ऐसे में यह फैसला केवल कानूनी नहीं रह जाता। इसके गहरे राजनीतिक नतीजे होंगे। अवामी लीग ने इसे राजनीतिक बदला बताया है। वहीं, सत्ता पक्ष इसे देश में लोकतंत्र की जीत के रूप में पेश कर रहा है।

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गृह मंत्री ने दावा किया कि आगामी चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और उत्सवपूर्ण होंगे। लेकिन मौजूदा हालात में यह बात अभी दूर की कौड़ी लग रही है। फैसले के बाद हिंसा भड़लने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

सुरक्षा तैयारियां जारी

सेना को स्टैंडबाई पर रखा गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की गश्त लगातार जारी है। गाजीपुर और गोपालगंज जैसे संवेदनशील जिलों में रेड अलर्ट लागू है। अधिकारी हर संभव स्थिति से निपटने के लिए तैयार बैठे हैं।

सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि फैसला आते ही हसीना के समर्थक और विरोधी दोनों ही सड़कों पर उतर सकते हैं। इससे हिंसक झड़पों की स्थिति पैदा हो सकती है। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाएं इसकी पुष्टि करती हैं।

निर्णय का इंतजार

पूरा बांग्लादेश अदालत के उस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जो देश का राजनीतिक भूगोल बदल सकता है। शेख हसीना चाहे किसी भी नतीजे से गुजरें, उनका राजनीतिक भविष्य अब ढाका की एक अदालत में लिखा जाएगा। पूरा देश इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को तैयार है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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