Dhaka News: Bangladesh News में एक बड़ा और नाटकीय मोड़ आया है। 17 साल के लंबे वनवास के बाद तारिक रहमान अपने देश लौट आए हैं। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष की वापसी ऐसे समय हुई है जब पूरा देश सुलग रहा है। ढाका में उनके स्वागत के लिए एक लाख से ज्यादा लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग अपने नेता की एक झलक पाने को बेताब दिखे। क्या उनकी वापसी से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार रुकेंगे? यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है।
हिंदुओं की सुरक्षा पर किया बड़ा वादा
तारिक रहमान ने आते ही एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लाखों समर्थकों की भीड़ के सामने कहा कि बांग्लादेश सिर्फ मुसलमानों का नहीं है। यह देश हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों का भी है। उन्होंने वादा किया कि वे एक ऐसा सुरक्षित बांग्लादेश बनाएंगे जहां महिलाएं और बच्चे बेखौफ होकर घर से निकल सकें। Bangladesh News पर नजर रखने वाले विश्लेषक उनके इस बयान को काफी अहम मान रहे हैं। उन्होंने देश में शांति कायम करने और एक ‘नया बांग्लादेश’ बनाने का संकल्प लिया है।
अवामी लीग चुनाव से बाहर, तारिक बनेंगे पीएम?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी के चुनाव लड़ने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अब अगले साल 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में तारिक रहमान प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार बनकर उभरे हैं। Bangladesh News के मुताबिक, 60 वर्षीय तारिक की वापसी से देश की राजनीति में जबरदस्त हलचल तेज हो गई है। पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे के हाथ में अब पार्टी की कमान पूरी तरह से है।
हत्याओं से दहला है पूरा देश
तारिक रहमान की वापसी ऐसे नाजुक वक्त में हुई है जब देश राजनीतिक अस्थिरता से बुरी तरह जूझ रहा है। हाल ही में दो प्रमुख युवा नेताओं की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही वहां अशांति की नई लहर दौड़ गई है। कट्टरपंथी ताकतें हावी हैं और हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। अब देखना होगा कि क्या तारिक रहमान अपने वादे के मुताबिक देश में शांति ला पाते हैं या यह सिर्फ सियासी बयानबाजी साबित होगी।
