New Delhi News: भारत ने Bangladesh में एक हिंदू युवक की नृशंस हत्या पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को Bangladesh सरकार को स्पष्ट संदेश दिया। भारत ने कहा कि वहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और दुश्मनी स्वीकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत चिंतित
रणधीर जायसवाल ने Bangladesh में लगातार हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश में शांति और स्थिरता चाहता है। हम Bangladesh के लोगों के साथ मजबूत रिश्ते रखना चाहते हैं। भारत ने वहां स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल की वकालत की है। दीपू चंद्र दास की हत्या ने मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ईशनिंदा के शक में ले ली जान
यह घटना बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली है। Bangladesh में भीड़ ने दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने 18 दिसंबर को उनके शव को लटकाकर आग लगा दी। एक फैक्ट्री अधिकारी ने पुलिस को बताया कि कुछ श्रमिकों ने दीपू पर हमला किया था। उन पर फेसबुक पोस्ट के जरिए पैगंबर के अपमान का झूठा आरोप लगाया गया था।
जांच में बेकसूर निकला दीपू
इस मामले में Bangladesh पुलिस की जांच ने सबको चौंका दिया है। रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने बताया कि दीपू के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जांच अधिकारियों को ईशनिंदा का कोई पोस्ट या सबूत नहीं मिला। फैक्ट्री के किसी भी साथी ने दीपू की ऐसी किसी गतिविधि की पुष्टि नहीं की। एक निर्दोष व्यक्ति को झूठी अफवाह के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी।
हिंदू महाजोत ने दी सांत्वना
Bangladesh हिंदू महाजोत के नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। मृत्युंजय कुमार रॉय के नेतृत्व में एक टीम मैमनसिंह जिले में दीपू के घर पहुंची। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। नेताओं ने कहा कि बिना सबूत के हत्या करना मानवता पर कलंक है। यह घटना Bangladesh में अल्पसंख्यकों की नाजुक स्थिति को दर्शाती है।
