Himachal News: बघाट बैंक के ऋण की रिकवरी की सुनवाई कर रहे सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं एक मामले को देखकर हैरान रह गए। कंडाघाट क्षेत्र के एक ऋणधारक ने मशरूम प्लांट के लिए बैंक से 32 लाख रुपये का ऋण लिया था। अब यह ऋण बढ़कर 1.08 करोड़ रुपये हो गया है जिसमें 76 लाख रुपये ब्याज के रूप में जोड़े गए हैं।
ऋणधारक ने अदालत में कहा कि वह ऋण चुकाने को तैयार है लेकिन ब्याज की यह राशि असंगत है। बैंक ने उन्हें कभी नहीं बताया कि ब्याज की गणना कैसे की गई। एआरसीएस भी इस पर चकित रह गए क्योंकि सामान्य ब्याज दर से गणना करने पर राशि इतनी अधिक नहीं हो सकती थी।
बैंक का असामान्य ब्याज गणना तरीका
बैंक प्रतिनिधि ने बताया कि ऋणधारक के मशरूम प्लांट को कब्जे में लेने के बाद वहां सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की गई थी। इस गार्ड के दस वर्षों के वेतन को ऋण राशि में जोड़ दिया गया। एआरसीएस ने इस तरीके पर आपत्ति जताई और कहा कि बैंक को प्लांट की कुर्की कर ऋण वसूलना चाहिए था।
एआरसीएस ने ऋणधारक को अपील करने की सलाह दी ताकि इस मामले की गहन जांच की जा सके। ऋणधारक ने भी अपील करने और सही ऋण राशि का भुगतान करने की हामी भर दी। इस मामले ने बैंक की ऋण वसूली प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नियमों की अनदेखी कर जारी किए ऋण
बघाट बैंक ने नियमों की परवाह किए बिना कई ऋण मंजूर किए हैं। सोलन के अश्वनी खड्ड में आठ बीघा भूमि पर बैंक ने 4.85 करोड़ रुपये का ऋण दे दिया। यह ऋण अब गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन चुका है। एआरसीएस की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई।
ऋणधारक और गारंटर दोनों अदालत में उपस्थित हुए। एआरसीएस ने सभी को निर्देश दिए कि वन टाइम सेटलमेंट के जरिए ऋण चुकाएं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो ऋणधारक और गारंटर दोनों की संपत्ति अटैच की जाएगी। बैंक ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू भी कर दी है।
ऋण डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई
एआरसीएस ने एक ऋण डिफाल्टर को चेतावनी दी कि वह ऋण का भुगतान करे या जेल जाने के लिए तैयार रहे। इस ऋणधारक ने बैंक से 18 लाख रुपये का ऋण लिया था। बैंक ने ऋण के बदले एक बिस्वा से कम जमीन गिरवी रखी थी जिससे ऋण वसूली संभव नहीं है।
ऋणधारक ने दावा किया कि उनका गारंटर अब उपलब्ध नहीं है और उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। एआरसीएस ने इस पर उनके ट्रक जब्त करने के आदेश जारी किए। इसके अलावा एक अन्य मामले में ऋण डिफाल्टर का दस लाख रुपये का चैक बाउंस हो गया।
ऋण वसूली के प्रयास और सफलताएं
बघाट बैंक के लिए कुछ राहत की खबरें भी सामने आई हैं। एक ऋणधारक ने एआरसीएस की अदालत में 25.90 लाख रुपये का चैक जमा किया। इसके अलावा दो अन्य डिफाल्टरों ने 50,000 और 20,000 रुपये नकद जमा किए। यह बैंक की ऋण वसूली प्रक्रिया में एक सकारात्मक विकास है।
एआरसीएस सोलन गिरीश नड्डा ने बताया कि वीरवार को 49 मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से 34 मामले ऋण वसूली से संबंधित थे। अधिकांश ऋणधारकों ने वन टाइम सेटलमेंट के जरिए ऋण चुकाने का अवसर मांगा। सभी को एक महीने का समय दिया गया।
संपत्ति अटैच और वाहन जब्ती के आदेश
एआरसीएस सोलन ने चार ऋण डिफाल्टरों और गारंटरों की संपत्तियों को अटैच करने के आदेश दिए हैं। तीन डिफाल्टरों की गाड़ियों को जब्त करने के निर्देश भी जारी किए गए। यह कार्रवाई बैंक की ऋण वसूली प्रक्रिया को गति देने के लिए की जा रही है।
बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए ऋण वसूली अत्यंत आवश्यक हो गई है। एआरसीएस की विशेष अदालतें लगातार इस दिशा में कार्य कर रही हैं। ऋण डिफाल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है ताकि बैंक के हितों की रक्षा की जा सके।
