Sports News: भारत ने बैडमिंटन एशिया अंडर-17 और अंडर-15 चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रच दिया है। रविवार को भारतीय खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण सहित कुल पांच पदक जीते। दीक्षा सुधाकर और शायना मणिमुथु ने स्वर्ण पदक जीतकर विशेष उपलब्धि हासिल की। यह भारत की अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
अंडर-17 गर्ल्स सिंगल्स फाइनल में दीक्षा सुधाकर ने लक्ष्या राजेश को हराया। अंडर-15 गर्ल्स सिंगल्स में शायना मणिमुथु ने जापान की चिहारू तोमिता को पराजित किया। लक्ष्या राजेश ने रजत पदक जीता जबकि जगशेर सिंह खंगुरा और मिक्स्ड डबल्स जोड़ी ने कांस्य पदक प्राप्त किए।
दीक्षा बनीं इतिहास रचने वाली पहली खिलाड़ी
दीक्षा सुधाकर जूनियर एशियन चैंपियनशिप के इतिहास में अंडर-17 खिताब जीतने वाली पहली भारतीय सिंगल्स खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने मात्र 27 मिनट में फाइनल मैच अपने नाम किया। उन्होंने लक्ष्या राजेश को सीधे सेटों में पराजित किया। इस जीत ने भारतीय बैडमिंटन के लिए नए मानक स्थापित किए हैं।
शायना मणिमुथु ने अंडर-15 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने जापान की चिहारू तोमिता को मात दी। शायना ने मैच की शुरुआत से ही अपना दबदबा बनाए रखा। उनकी जीत ने भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। दोनों खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया।
2013 के बाद सबसे सफल प्रदर्शन
यह 2013 के बाद भारत का सबसे सफल प्रदर्शन है। उस वर्ष सिरिल वर्मा ने अंडर-15 बॉयज़ सिंगल्स में स्वर्ण जीता था। चिराग शेट्टी और एमआर अर्जुन की जोड़ी ने अंडर-17 बॉयज़ डबल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इस बार भारत ने उससे भी बेहतर प्रदर्शन किया है।
जगशेर सिंह खंगुरा ने अंडर-17 बॉयज़ सिंगल्स में कांस्य पदक जीता। जंगजीत सिंह काजला और जनानिका रमेश की जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक हासिल किया। इन सभी खिलाड़ियों ने मिलकर भारत को शीर्ष पदक विजेता देशों में स्थान दिलाया। यह प्रदर्शन भारतीय बैडमिंटन के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देता है।
युवा खिलाड़ियों ने दिखाई प्रतिभा
इस टूर्नामेंट में भारत के युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सभी विजेता खिलाड़ी भारत के विभिन्न राज्यों से करते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। भारतीय बैडमिंटन संघ के प्रयासों ने इन युवा प्रतिभाओं को निखरने का मौका दिया।
चीन के चेंगदू शहर में आयोजित इस टूर्नामेंट में कई एशियाई देशों ने भाग लिया। भारत ने जापान, चीन और कोरिया जैसे पारंपरिक रूप से मजबूत देशों के खिलाफ़ शानदार प्रदर्शन किया। इस सफलता से भारतीय बैडमिंटन को नई ऊर्जा मिली है। यह प्रदर्शन आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स के लिए शुभ संकेत है।
