Himachal Pradesh News: घुमारवीं गांव को मोरसिंघी रोड से जोड़ने वाली सड़क जर्जर हालत में पहुंच गई है। लगभग 300 मीटर लंबी यह सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। स्थानीय लोगों के लिए यह सड़क अब दुर्घटना का कारण बन गई है। ग्रामीणों ने तुरंत मरम्मत कार्य की मांग की है।
पांच साल पहले पक्का की गई यह सड़क बरसात में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सड़क के किनारे का एक हिस्सा ढह गया है। इससे सड़क का किनारा कमजोर हो गया है। अब वाहन चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। दोपहिया वाहन भी सुरक्षित नहीं हैं।
पैदल चलने वालों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर गुजरना एक चुनौती बन गया है। सड़क की सतह पूरी तरह टूट गई है। बजरी बाहर निकल आई है जिससे फिसलन का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय निवासियों की समस्याएं
ग्रामीणोंने बताया कि हर साल चैहड़ क्षेत्र में बड़ा दंगल आयोजित होता है। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से हजारों लोग आते हैं। खराब सड़क के कारण आने-जाने में बड़ी मुश्किल होती है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी लोग भी परेशान हैं।
ग्रामीण प्यारे लाल महाजन और रिपी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का खतरा लगातार मंडरा रहा है। विद्या सागर और ब्रह्मदास ने भी इस ओर ध्यान दिलाया। रतन लाल महाजन, राकेश और अनिल ने त्वरित कार्रवाई की मांग की।
लोगों ने कई बार संबंधित विभाग को इस समस्या के बारे में सूचित किया। अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीण चिंतित हैं कि देरी से बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने सड़क की स्थायी मरम्मत की मांग की है।
नगर परिषद अध्यक्ष ने दी जानकारी
नगर परिषद घुमारवींकी अध्यक्ष रीता साहगल ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि यह सड़क सिविल सप्लाई विभाग के अधीन आती है। परिषद ने विभाग को सड़क की दयनीय स्थिति से अवगत करा दिया है। मरम्मत के लिए आग्रह पत्र भेजा जा चुका है।
साहगल ने उम्मीद जताई कि जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू होगा। उन्होंने स्थानीय लोगों की चिंताओं को गंभीरता से लिया। विभागीय प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। शीघ्र कार्यवाही की संभावना व्यक्त की गई है।
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुधार पर जोर दिया है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी ग्रामीण अवसंरचना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय प्रशासन ऐसी समस्याओं के निवारण हेतु कार्य कर रहा है।
सुरक्षा संबंधी चिंताएं
सड़क केकिनारे डंगे के ढहने से स्थिति गंभीर हुई है। इससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। वाहन चालकों के लिए संकट पैदा हो गया है। रात के समय स्थिति और भी जोखिम भरी हो जाती है।
स्थानीय लोगों ने डंगे के पुनर्निर्माण की मांग की है। सड़क किनारे उचित सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत है। बरसात के मौसम में और नुकसान होने की आशंका है। त्वरित कार्रवाई से बड़े नुकसान को रोका जा सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क उनकी जीवन रेखा है। दैनिक आवागमन और आपात स्थिति में इसका महत्व बहुत है। सड़क ठीक न होने से उनके कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है।
सड़क की खराब हालत ने स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। कृषि उत्पादों का परिवहन महंगा और जोखिम भरा हो गया है। पर्यटन से जुड़े लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। समग्र विकास के लिए बुनियादी ढांचा ठीक होना जरूरी है।
