Business News: दिवाली से पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है। पिछले चार हफ्तों में भारत के फॉरेक्स रिजर्व में 5.19 अरब डॉलर की कमी आई है। यह राशि भारतीय मुद्रा में लगभग 46 हजार करोड़ रुपये के बराबर है। दस अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 697.78 अरब डॉलर रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार रुपए को स्थिर रखने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा हस्तक्षेप इस गिरावट का प्रमुख कारण है। बारह सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व 702.97 अरब डॉलर था। उसके बाद से लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी सुरक्षित स्तर पर बना हुआ है।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में भी महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। दस अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 572.103 बिलियन डॉलर रही। इसमें 5.605 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट का प्रमुख कारण डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं का कमजोर होना है।
विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की वैल्यू में उतार-चढ़ाव का सीधा प्रभाव पड़ता है। पिछले कुछ सप्ताहों से इन मुद्राओं में अस्थिरता देखी जा रही है। इससे विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में गिरावट आई है।
सोने के भंडार में वृद्धि
देश के सोने के भंडार में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। सोने का भंडार 3.595 अरब डॉलर बढ़कर 102.365 अरब डॉलर हो गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सोने के भंडार में 36.707 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि वैश्विक बाजार में सोने की बढ़ती कीमतों के कारण हुई है।
रिजर्व बैंक समय-समय पर सोने की खरीदारी करता रहता है। सोना विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर केंद्रीय बैंक सोने के भंडार को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। सोना आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सुरक्षित निवेश माना जाता है।
विशेष आहरण अधिकार में कमी
आईएमएफ के विशेष आहरण अधिकार में 1319 मिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। यह घटकर 18684 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया। आईएमएफ के पास भारत की आरक्षित स्थिति में 36 मिलियन डॉलर की कमी आई। यह घटकर 4632 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गई।
विशेष आहरण अधिकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी किए गए अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित परिसंपत्तियां हैं। यह आईएमएफ के सदस्य देशों के आधिकारिक भंडार का हिस्सा होती हैं। इनमें उतार चढ़ाव देश की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिति को प्रभावित करती हैं।
पाकिस्तान के रिजर्व में वृद्धि
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली वृद्धि देखी गई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 2.1 करोड़ डॉलर बढ़ा। दस अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 14.44 अरब डॉलर रहा। वाणिज्यिक बैंकों का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 5.37 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 19.81 अरब डॉलर दर्ज किया गया। यह वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाली वित्तीय सहायता के कारण हुई है। हालांकि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है। देश को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
