Murshidabad News: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। यहां बेलडांगा इलाके में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया गया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने रिमोट दबाकर इसकी नींव रखी। इस दौरान हजारों की भीड़ मौजूद रही और धार्मिक नारे लगाए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
समर्थकों की भारी भीड़ जुटी
कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया था। वीरभूम, मालदा और नदिया जैसे जिलों से लोग यहां पहुंचे। मस्जिद निर्माण में सहयोग के लिए कई लोग अपने साथ ईंटें लेकर आए थे। मंच पर हुमायूं कबीर के साथ कई मौलवी भी मौजूद थे। वहां लगे बैनर पर ‘फाउंडेशन स्टोन लेइंग सेरेमनी ऑफ बाबरी मस्जिद’ लिखा था। विधायक ने इसे अयोध्या की तर्ज पर बनाने का दावा किया है।
इकबाल अंसारी ने जताया कड़ा विरोध
बाबरी केस के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस कार्यक्रम की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बाबर हमारा मसीहा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है और मुसलमानों को जमीन मिल गई है। अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है। अब देश में हिंदू-मुस्लिम विवाद की कोई जगह नहीं है। अंसारी ने कहा कि नेता केवल राजनीति चमकाने के लिए ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं। हमें देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए।
धर्म को राजनीति से न जोड़ें: मौलाना
ईदगाह इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक मुद्दों को राजनीतिक लड़ाई नहीं बनाना चाहिए। एक विधायक द्वारा बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाना पूरी तरह अनावश्यक है। अयोध्या में अब गंगा-जमुनी तहजीब कायम है और विकास हो रहा है। ऐसे में पुराने विवादों को फिर से हवा देना सही नहीं है।
