Delhi News: दिल्ली पुलिस ने एक धार्मिक गुरु स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार किया है। उन पर उनके ही संस्थान में छात्राओं का यौन शोषण करने और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। पीड़िताओं ने बताया कि शिक्षा के नाम पर उनके साथ अश्लील हरकतें की गईं। यह मामला एक बार फिर उन बाबाओं के काले कारनामों को उजागर करता है जो आस्था की आड़ में अपराध का साम्राज्य चलाते हैं।
इस घटना ने पूरे देश में एक बार फिर बाबाओं द्वारा किए जा रहे अपराधों पर चर्चा शुरू कर दी है। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे धार्मिक गुरु सामने आए हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें यौन शोषण, बलात्कार, हत्या और विशाल आर्थिक धोखाधड़ी जैसे आरोप शामिल हैं। इन मामलों ने समाज में गहरा आघात पहुंचाया है।
आसाराम बापू का मामला
आसाराम बापू कभी लाखों भक्तों के आराध्य थे। साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया। जांच में पता चला कि उन्होंने कई वर्षों तक पीड़िता का शोषण किया। जोधपुर की एक अदालत ने 2018 में उन्हें दोषी ठहराया। अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वह अब भी जेल में हैं।
गुरमीत राम रहीम सिंह के अपराध
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर भी बलात्कार के गंभीर आरोप साबित हुए। साल 2017 में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया। इसके अलावा उन पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का भी मामला चला। साल 2019 में अदालत ने उन्हें हत्या के आरोप में भी दोषी ठहराया। वह अभी जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
स्वामी नित्यानंद का विदेश भागना
स्वामी नित्यानंद पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। साल 2020 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए वह भारत से विदेश भाग गए। उन्होंने एक द्वीप खरीदकर उसे स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। वह अब भी वहां रह रहे हैं और भारतीय कानून से बचे हुए हैं।
निर्मल बाबा का विवाद
निर्मल बाबा टीवी चैनलों पर अपनी अजीबोगरीब सलाह के लिए मशहूर हुए। उन पर झूठे दावे और धोखाधड़ी के आरोप लगे। उन्होंने लोगों से बड़ी रकम वसूली। साल 2010 से ही उनके खिलाफ जांच चल रही है। उनकी लोकप्रियता अब काफी कम हो गई है।
नारायण साईं पर लगे आरोप
आसाराम के पुत्र नारायण साईं पर भी यौन शोषण के आरोप लगे। आश्रम में रहने वाली लड़कियों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। साल 2015 में उन्हें बलात्कार और यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह अभी सूरत की जेल में बंद हैं। उनका मामला अभी भी अदालत में चल रहा है।
ये सभी मामले दिखाते हैं कि कैसे कुछ लोग धार्मिक भावनाओं का गलत फायदा उठाते हैं। पुलिस और न्यायपालिका ने ऐसे आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। समाज को भी ऐसे छद्म बाबाओं से सावधान रहने की जरूरत है। भोले-भाले लोगों की आस्था का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी है।
