Hamirpur News: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चढ़ावे की राशि के साथ बड़ा घोटाला सामने आया है। मंदिर के दो कर्मचारियों पर चढ़ावे की गिनती के दौरान हेराफेरी का आरोप लगा है। यह मामला सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ है। आरोपी कर्मचारी 500 रुपये के नोटों के बंडल बनाते समय गड़बड़ी कर रहे थे। मंदिर न्यास ने बड़सर पुलिस थाने में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
हेराफेरी की विधि
आरोपी कर्मचारी चढ़ावे की नकदी गिनते समय गोलमाल करते थे। वे 500 रुपये के नोटों के बंडल बनाते थे। हर बंडल में 100 नोटों के स्थान पर 140 नोट डालते थे। इस तरह वे अतिरिक्त राशि का गबन करने की योजना बना रहे थे। यह पूरी प्रक्रिया मंदिर के गणना कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई। सीसीटीवी फुटेज ने इनकी करतूतों को उजागर कर दिया। इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने कार्रवाई की।
जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
यह मामला हमीरपुर के जिला उपायुक्त अमरजीत सिंह के ध्यान में आया। उन्होंने तुरंत इसका संज्ञान लिया। सात अक्टूबर को ही डीसी ने मंदिर न्यास को एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए। साथ ही विभागीय जांच शुरू करने के आदेश जारी किए। जिला प्रशासन की ओर से तत्काल कार्रवाई हुई। इससे मामले में तेजी आई और पुलिस ने केस दर्ज किया।
पुलिस कार्रवाई
बड़सर पुलिस थाने में मंदिर न्यास ने शिकायत दर्ज कराई। डीएसपी लालमन ठाकुर ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मंदिर न्यास की ओर से दो कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब आगे की जांच जारी है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है।
मंदिर का महत्व
बाबा बालक नाथ मंदिर उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठों में शामिल है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालु करोड़ों रुपये का चढ़ावा चढ़ाते हैं। इस घोटाले ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मंदिर प्रबंधन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जाएंगे।
सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ीकरण
इस घटना के बाद मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। चढ़ावा गिनने की प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाई जाएगी। सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। गिनती प्रक्रिया में अधिक लोगों को शामिल किया जाएगा। नियमित ऑडिट की व्यवस्था की जाएगी। इससे भविष्य में होने वाली अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
