Himachal News: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ने न्यास प्रबंधन में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। महंत एस. राजेंद्र गिरि ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों के समक्ष these allegations रखीं। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबंधन में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
महंत गिरि ने बताया कि स्थायी मंदिर पदाधिकारी की लंबे समय से अनुपस्थिति है। इस कारण मंदिर का कार्यभार ठीक से संचालित नहीं हो पा रहा। कई वर्षों से यह समस्या चली आ रही है। उन्होंने उच्च स्तरीय प्रबंधन की मांग की।
प्रबंधन सुधार के सुझाव
मुख्य पुजारी ने सुझाव दिया कि आईएएस या समकक्ष रैंक के अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए। इससे मंदिर संचालन का स्तर सुधरेगा। उन्होंने कानूनों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। मंदिर न्यास द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया। न्यास प्रशासन को शिक्षण संस्थानों में modern courses शुरू करने चाहिए। इससे छात्रों की रुचि बढ़ेगी और संस्थानों का विकास होगा।
न्यास में सुधार की मांग
महंत गिरि ने मांग की कि सरकार को न्यास में क्षेत्र के बुद्धिजीवियों को शामिल करना चाहिए। इससे मंदिर का बेहतर प्रबंधन संभव हो सकेगा। श्रद्धालुओं को उत्तम सुविधाएं मिल पाएंगी। मंदिर के विकास के लिए यह आवश्यक कदम है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के हालिया फैसले का स्वागत किया। न्यायालय ने 14 अक्टूबर को कहा था कि मंदिर के धन का उपयोग सरकारी योजनाओं में नहीं किया जा सकता। मंदिर संपत्ति का उपयोग केवल धार्मिक कार्यों के लिए ही होना चाहिए।
मंदिर प्रबंधन में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया। श्रद्धालुओं के हितों की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। मंदिर न्यास को अपना कार्य शुद्धता और पारदर्शिता के साथ करना चाहिए। इससे जनता का विश्वास बना रहेगा।
