Uttar Pradesh News: प्रसिद्ध कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो बाबा बागेश्वर के नाम से मशहूर हैं, ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के लिए मुफ्त में कथा करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह अपना टेंट और साउंड सिस्टम स्वयं लाएंगे, बस अखिलेश को यजमान बनना होगा। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिणा न लेने की दो शर्तें भी रखीं।
अखिलेश यादव के बयान पर बाबा बागेश्वर की प्रतिक्रिया
बाबा बागेश्वर ने इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने अखिलेश यादव के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बाबा बागेश्वर से कथा कराने पर पचास लाख रुपये का खर्च आता है। शास्त्री ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक इतनी दक्षिणा नहीं ली है।
गरीबों के लिए निःशुल्क कथा की पेशकश
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जोर देकर कहा कि यदि अखिलेश यादव की श्रद्धा जागृत होती है, तो वह उनके गांव या कहीं भी कथा सुनाने पहुंच जाएंगे। उन्होंने वादा किया कि इसके लिए वह एक रुपया भी दक्षिणा नहीं लेंगे। उनका कहना था कि वह आदिवासी क्षेत्रों में पहले से ही ऐसा करते आ रहे हैं।
दक्षिणा लेने की दो वजहें बताईं
बाबा बागेश्वर ने दक्षिणा लेने के पीछे की अपनी दो मजबूरियों के बारे में भी बताया। पहली मजबूरी एक कैंसर अस्पताल बनाने की है। उन्होंने कहा कि उनका इलाका पिछड़ा हुआ है और वहां गरीबी है। लोग आस्था के नाम पर धर्मांतरण करते हैं।
समाज सेवा के लिए दक्षिणा
उनकी दूसरी मजबूरी अन्नपूर्णा भंडारा चलाने की है। शास्त्री ने कहा कि उनकी इच्छा मंदिर बनाने की नहीं, बल्कि अस्पताल बनाने की है। दक्षिणा से मिले धन का इस्तेमाल इन्हीं सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है। इस तरह दान का सदुपयोग होता है।
हनुमान जी की कसम खाकर दोहराया वादा
बाबा बागेश्वर ने हनुमान जी की कसम खाकर कहा कि यदि कोई व्यक्ति उनके इन दो सपनों को पूरा करने का संकल्प लेता है, तो वह जीवन भर एक रुपया भी अपनी जेब में नहीं रखेंगे। वह सारी दक्षिणा उसी कार्य के लिए दे देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी कथा कभी भी धन कमाने के लिए नहीं होती।
समाज में सेवा भाव को बताया जरूरी
अंत में उन्होंने कहा कि इस देश में नेता भी वेतन लेते हैं और अन्य कलाकार भी पैसे लेते हैं। ऐसे में यदि दक्षिणा लेकर कोई बेटियों की शादी कराए, भंडारा कराए या अस्पताल बनाए, तो यह एक बेहतर कार्य है। उनका मानना है कि देश के हर व्यक्ति को ऐसे काम करने चाहिए।
