शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

बाल आधार: आपके बच्चे का पहला जरूरी दस्तावेज, जानें कैसे बनवाएं और क्या हैं फायदे

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National News: आधार कार्ड अब हर व्यक्ति की मूलभूत जरूरत बन गया है। बैंक खाता खोलने से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक में इसकी आवश्यकता पड़ती है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए जारी होने वाला बाल आधार इसका एक विशेष संस्करण है। इसमें बच्चे की फोटो और माता-पिता का विवरण शामिल होता है, लेकिन बायोमेट्रिक डिटेल नहीं ली जाती। यह दस्तावेज बच्चे की पहचान और पते के प्रमाण का काम करता है।

बाल आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया काफी सरल है। माता-पिता को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और अपना आधार कार्ड लेकर किसी भी नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाना होता है। वहां फॉर्म भरकर बच्चे की फोटो खिंचवानी होती है। माता-पिता की बायोमेट्रिक पुष्टि की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे के उंगलियों के निशान या आइरिस स्कैन नहीं लिए जाते हैं।

आवेदन करने के बाद एक स्वीकृति पर्ची दी जाती है। इस पर्ची पर एक एनरोलमेंट आईडी होती है। इस आईडी की मदद से आधार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन की स्थिति की जांच की जा सकती है। आमतौर पर आवेदन जमा कराने के बाद बाल आधार कार्ड 60 से 90 दिनों के भीतर पंजीकृत पते पर डाक के जरिए पहुंच जाता है। इसे ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है।

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बाल आधार के महत्वपूर्ण लाभ

बाल आधार सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं है। यह बच्चे को कई सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मददगार साबित होता है। स्कूल में दाखिला लेने, छात्रवृत्ति प्राप्त करने और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाओं का उपयोग करने में यह कार्ड काम आता है। टीकाकरण जैसी स्वास्थ्य सेवाओं में भी इसकी उपयोगिता है। यह बच्चे के अस्तित्व और नागरिकता का एक प्रमाणिक दस्तावेज बन जाता है।

बाल आधार कार्ड की एक खास बात यह है कि यह स्थायी नहीं होता। जब बच्चा पांच साल का हो जाता है, तो उसके बायोमेट्रिक विवरण को अपडेट करना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया में बच्चे के उंगलियों के निशान और आइरिस स्कैन लिए जाते हैं। फिर जब बच्चा 15 साल का होता है, तो एक बार फिर से पूरी बायोमेट्रिक प्रक्रिया के साथ आधार कार्ड को अपडेट करवाना जरूरी होता है। इससे कार्ड की वैधता बनी रहती है।

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UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बाल आधार बनवाते समय माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड होना आवश्यक है। यदि माता-पिता के पास आधार कार्ड नहीं है, तो पहले उन्हें अपना आधार बनवाना होगा। इसके बाद ही बच्चे के लिए बाल आधार के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह प्रक्रिया डेटा की सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित करती है।

आज के डिजिटल युग में बाल आधार का महत्व और भी बढ़ गया है। यह बच्चे के भविष्य के सभी आधिकारिक कार्यों में मदद करता है। इसके बिना सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले पाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए हर माता-पिता के लिए अपने नवजात शिशु का बाल आधार बनवाना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बच्चे के जीवन की एक मजबूत नींव रखने जैसा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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