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शुक्रवार, दिसम्बर 8, 2023

Ayushman Bharat: भारत के गरीबों के लिए वरदान बनी आयुष्मान भारत योजना, 10 साल में स्वास्थ्य सेवाएं नई ऊंचाइयों पर पहुंची

Ayushman Bharat Scheme: गरीब वर्ग को इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देने वाली आयुष्मान भारत योजना के 5 साल पूरे हो गए हैं. आंकड़े बताते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये योजना गरीबों के इलाज के लिए वरदान साबित हुई है.

इस स्वास्थ्य योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए पिछले सप्ताह आयुष्मान भव अभियान की शुरुआत की गई थी. अभियान की शुरुआत के 5 दिन में ही 4,700 मरीजों की सर्जरी की गई है. जबकि, अलग-अलग बीमारियों के 55 लाख टेस्ट भी किए गए हैं.

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2018 में शुरू हुई थी आयुष्मान भारत योजना

केंद्र की मोदी सरकार ने गरीबों को मुफ्त में इलाज मिल सके इसके लिए साल 2018 में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की शुरुआत की थी, जिसे आज 5 साल पूरे हो गए हैं. योजना के अंतर्गत देश के 26 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में अभी तक 25 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. जबकि, योजना के माध्यम से 5.5 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को मुफ्त इलाज का लाभ मिला है.

मिलता है 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा

पीएम आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है और इसमें लगभग हर तरह की बीमारी और सर्जरी को कवर किया जाता है. इस स्वास्थ्य योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 सितंबर को आयुष्मान भव अभियान की शुरुआत की थी. अभियान का उद्देश्य हर घर तक योजना का लाभ पहुंचाना और आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराना है. इसके साथ स्वास्थ्य मेला, बीमारी जांच कैंप आदि का संचालन करना है. अभियान के तहत अगले एक पखवाड़े तक राज्यों में आयुष्मान भारत योजना से लोगों को जोड़ा जा रहा है और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है.

51,000 से ज्यादा लगे आयुष्मान मेले

पिछले 5 दिनों में आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत 51,000 से ज्यादा आयुष्मान मेले लगे और 21 लाख लोगों ने इसमें हिस्सा लिया. पिछले 5 दिनों में कुल 55 लाख परीक्षण और स्क्रीनिंग हुईं. जबकि, 4,700 सर्जरी की गईं. अभियान के तहत 5,600 रक्तदान शिविर आयोजित किए गए और 42,000 यूनिट रक्त एकत्र किया गया.

शिशु मृत्यु दर में 20% की गिरावट आई

सरकारी आंकड़ों के अनुसार आयुष्मान भारत वाले राज्यों में शिशु मृत्यु दर में 20% की गिरावट दर्ज की गई है और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 19% की गिरावट देखी गई है. मोदी सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रति मिनट 177 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और हर मिनट 30 लाभार्थी अस्पताल में भर्ती हुए.

2014 में सरकार में आने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य रहा था कि गरीबों को पैसे की कमी की वजह से स्वास्थ्य सेवा की कमी का सामना ना करना पड़े. आयुष्मान भारत देश में चल रही सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कल्याणकारी योजना है. इसकी वजह से अमीरों की तरह गरीबों का भी निशुल्क इलाज सुनिश्चित हो पा रहा है, जो पहले संभव नहीं हुआ करता था. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में 44 प्रतिशत महिला लभार्थी हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई ऊंचाई

पीएम मोदी के कार्यकाल में देश की स्वास्थ्य सेवाएं नई ऊंचाई तक पहुंच रही हैं.

2014 से पहले 10 वर्षों में 150 मेडिकल कॉलेज खोले गए थे, जबकि पिछले नौ वर्षों में 300 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं.

2014 से पहले देश में 50,000 एमबीबीएस सीटें थीं, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई है. साथ ही पीजी सीटें भी बढ़कर 65,000 हो गई हैं, जो 2014 से पहले 30,000 थीं.

देश में 22 नए एम्स बनाए गए हैं.

पहले देश में तीन सौ 87 मेडिकल कॉलेज थे जबकि अब पांच सौ 96 कॉलेज हैं.

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