शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी: हिमाचल में 30 डिस्पेंसरियां को जाएगी बंद, संसाधन युक्तिकरण का फैसला

Ayurvedic Dispensary: हिमाचल सरकार ने कम ओपीडी वाली 30 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों को बंद करने का फैसला किया। तीन साल की समीक्षा के बाद संसाधनों के बेहतर उपयोग और सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया।

Share

Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने महीने में 100 से कम ओपीडी वाली करीब 30 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों को बंद करने का निर्णय लिया। तीन साल की समीक्षा में पाया गया कि कुछ डिस्पेंसरियों में स्टाफ और बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। यह फैसला संसाधनों के बेहतर उपयोग और आयुर्वेदिक सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए लिया गया। स्थानीय लोगों को अब उपचार के लिए दूर जाना पड़ सकता है।

कम ओपीडी और सुविधाओं की कमी

समीक्षा में सामने आया कि कई आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों में मरीजों की संख्या बहुत कम है। कुछ में डॉक्टर और स्टाफ की कमी है। कई डिस्पेंसरियों में भवन तक उपलब्ध नहीं हैं। सरकार का कहना है कि ऐसी इकाइयों को चलाने की लागत उनकी उपयोगिता से अधिक है। इसलिए, इनका युक्तिकरण जरूरी हो गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए है।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: स्कूलों में अब होगी यूरिन ड्रग टेस्टिंग, शिक्षा विभाग के जारी किए निर्देश

संसाधनों का युक्तिकरण और स्थानांतरण

सरकार ने कम ओपीडी वाली डिस्पेंसरियों को बंद कर संसाधनों का युक्तिकरण करने का फैसला किया। डॉक्टरों और कर्मचारियों को उन क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां मरीजों की संख्या अधिक है। इससे आयुर्वेदिक सेवाएं अधिक प्रभावी होंगी। जिन डिस्पेंसरियों में मरीजों की संख्या अच्छी है, वहां अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।

स्थानीय लोगों पर प्रभाव

आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों के बंद होने से स्थानीय लोगों को असुविधा हो सकती है। उन्हें उपचार के लिए दूरस्थ केंद्रों पर जाना होगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां परिवहन सुविधाएं सीमित हैं, यह चुनौती बढ़ सकती है। सरकार का दावा है कि युक्तिकरण से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अधिक मरीजों वाले क्षेत्रों में सेवाएं बढ़ेंगी।

यह भी पढ़ें:  विजिलेंस केस: रामपुर की देवठी पंचायत में 17 लाख का फर्जीवाड़ा, पूर्व सहायक के खिलाफ मामला दर्ज

पूर्व सरकार पर सवाल

आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना पर्याप्त सुविधाओं के डिस्पेंसरियां खोल दी थीं। इससे संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। कम ओपीडी और स्टाफ की कमी ने इन डिस्पेंसरियों को घाटे में चलने वाला बना दिया। अब सरकार का लक्ष्य ऐसी इकाइयों को बंद कर संसाधनों को उन क्षेत्रों में लगाना है, जहां उनकी जरूरत ज्यादा है।

बेहतर आयुर्वेदिक सेवाओं की उम्मीद

इस निर्णय से आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। कम उपयोग वाली डिस्पेंसरियों को बंद कर संसाधनों को उन केंद्रों पर केंद्रित किया जाएगा, जहां मरीजों की संख्या अधिक है। इससे न केवल लागत कम होगी, बल्कि मरीजों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News