शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हत्या का प्रयास: किन्नौर अदालत ने दोषी को सुनाई 10 साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

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Kinnaur News: किन्नौर जिले की रामपुर अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश लुद्र मणी शर्मा ने सुनील कुमार नामक आरोपी को दोषी ठहराते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उस पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला वर्ष 2015 में टायर जलाने को लेकर हुई झड़प से जुड़ा है।

अदालत ने आरोपी सुनील कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दोषी पाया। इसके तहत उसे दस वर्ष की सजा और जुर्माना लगा। जुर्माना न भरने की स्थिति में उसे एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत भी उसे छह माह की कैद और दो हजार रुपये का जुर्माना झेलना पड़ेगा।

यह पूरा मामला चौदह अप्रैल 2015 की सुबह आठ बजे शुरू हुआ। घटना किन्नौर जिले की खोलीघाट बाजार में घटित हुई। टायर जलाने को लेकर आरोपी सुनील कुमार और अनिल मेहता के बीच तीखी बहस हुई। बहस बढ़ते ही दोनों के बीच हिंसक झड़प हो गई।

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झड़प के दौरान आरोपी ने पहले डंडे से अनिल मेहता की पिटाई की। इसके बाद उसने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल निकाल ली। उसने अनिल मेहता पर गोली चला दी। गोली अनिल मेहता के बाएं जांघ और पैर पर लगी। इससे वह घायल होकर जमीन पर गिर पड़े।

मौके पर मौजूद अनिल के भाई प्रदीप मेहता बीच-बचाव के लिए आगे आए। इस पर आरोपी ने प्रदीप मेहता पर भी गोली चला दी। यह गोली प्रदीप मेहता की गर्दन पर लगी। इस हमले में दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

इस मामले की जांच पुलिस ने गंभीरता से की। तत्कालीन आईपीएस अधिकारी गौरव सिंह ने इस मामले की जांच संभाली। जांच में सभी पक्षों के बयान दर्ज किए गए। मौके पर मौजूद साक्ष्यों को एकत्र किया गया और फॉरेंसिक जांच कराई गई।

मामला अदालत में पहुंचा तो इसमें गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले में कुल इक्कीस गवाहों ने अपने बयान दिए। सभी गवाहों की जिरह की गई और सबूतों की पुष्टि की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला न्यायवादी लुद्र मणी शर्मा ने पैरवी की।

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अदालत ने सभी सबूतों और गवाहों के बयानों का विस्तार से अध्ययन किया। अदालत ने पाया कि आरोपी ने जानबूझकर गोली चलाकर हत्या का प्रयास किया था। इसके बाद ही उसे दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई गई। यह फैसला बीते बुधवार को सुनाया गया।

आरोपी सुनील कुमार उम्र पचास वर्ष है और वह शलोग तहसील के ननखड़ी का निवासी है। उसके पिता का नाम कर्म चंद है। आरोपी के पास बत्तीस बोर की लाइसेंसी पिस्तौल थी जिसका इस्तेमाल उसने इस घटना में किया।

यह फैसला किन्नौर जिले में कानून के शासन की मिसाल पेश करता है। अदालत ने हिंसा और बंदूक की गलत इस्तेमाल करने वाले को कड़ी सजा देक एक स्पष्ट संदेश दिया है। इससे आम जनता में कानून के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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