India News: ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य ताकत ने सबको हैरान कर दिया। राफेल, सुखोई-30 और ब्रह्मोस के साथ-साथ स्वदेशी ATAGS तोप ने भी सुर्खियां बटोरीं। डीआरडीओ द्वारा विकसित 155 मिमी/52 कैलिबर की यह तोप 48 किमी तक मार कर सकती है। सरकार ने 6900 करोड़ रुपये में 307 ATAGS तोपों की खरीद को मंजूरी दी। यह तोप भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगी और पुरानी तोपों को हटाएगी।
बोफोर्स से कहीं आगे
ATAGS तोप को बोफोर्स का उन्नत संस्करण माना जा रहा है। करगिल युद्ध में बोफोर्स ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन ATAGS की तकनीक इसे बेजोड़ बनाती है। भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इसकी निर्माता हैं। यह तोप सटीक निशाना लगाती है और ‘शूट एंड स्कूट’ की खासियत रखती है। 80 सेकंड में तैनात होकर यह 60 सेकंड में पांच गोले दाग सकती है।
हर मौसम में बेमिसाल
ATAGS तोप राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर सियाचिन की बर्फीली चोटियों तक हर जगह काम करती है। डीआरडीओ इसकी रेंज को 80-90 किमी तक बढ़ाने पर काम कर रहा है। जीपीएस-गाइडेड और रैमजेट गोले इसे और घातक बनाएंगे। यह तोप 8×8 हाई मोबिलिटी ट्रक पर चलती है, जो 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। यह हर चुनौतीपूर्ण इलाके में तैनाती के लिए तैयार है।
स्वदेशी तकनीक का कमाल
इस तोप में 85% से अधिक सामान भारत में बना है। एक ATAGS की कीमत 15 करोड़ रुपये है, जो विदेशी तोपों से काफी सस्ती है। डीआरडीओ ने 2012 में इस पर काम शुरू किया था। अब यह सेना में शामिल होने को तैयार है। मार्च 2025 में 307 तोपों का सौदा हुआ। पहली रेजिमेंट फरवरी 2027 तक तैयार होगी। यह तोप भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
लाहौर तक मारक क्षमता
ATAGS की 48 किमी की रेंज इसे अनोखा बनाती है। पंजाब के अमृतसर से यह पाकिस्तान के लाहौर को निशाना बना सकती है। इसकी सटीकता और तेजी दुश्मन के लिए खतरा है। यह 2.5 मिनट में 10 हाई-एक्सप्लोसिव गोले दाग सकती है। ऑल-इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम इसे विश्वसनीय और कम रखरखाव वाला बनाता है। यह भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
वैश्विक स्तर पर चर्चा
ATAGS ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी ध्यान खींचा है। आर्मेनिया जैसे देशों ने इसे खरीदा है। इसकी उन्नत तकनीक और किफायती कीमत इसे निर्यात के लिए आकर्षक बनाती है। यह तोप भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही है। इसके जरिए भारत अपनी रक्षा तकनीक को दुनिया के सामने प्रदर्शित कर रहा है।
