Dubai News: एशिया कप 2025 के सुपर-4 चरण से पहले अपने आखिरी लीग मैच में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक अद्भुत फैसला लिया। टॉस जीतने के बाद उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का चुनाव किया। इस मैच को टीम इंडिया के लिए एक अभ्यास मैच के तौर पर देखा जा रहा था और मैच के दौरान हुए बदलावों ने इस बात की पुष्टि कर दी।
भारतीय टीम प्रबंधन ने ओमान के खिलाफ बल्लेबाजी लाइनअप में कई बदलाव किए। इन बदलावों के बावजूद टीम ने स्कोरबोर्ड पर एक शानदार स्कोर खड़ा कर दिया। सैमसन ने अर्धशतक की मदद से अपने मौके का पूरा फायदा उठाया। तिलक वर्मा और अक्षर पटेल ने भी मध्यक्रम में अच्छा योगदान दिया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
मैच का सबसे चर्चित पहलू सूर्यकुमार यादव का बल्लेबाजी के लिए न आना था। हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और शिवम दुबे के आउट होने के बाद सभी को उम्मीद थी कि कप्तान सूर्या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरेंगे। लेकिन ऐसा होना नहीं हुआ और इसके बजाय तिलक वर्मा मैदान में आए।
सातवें नंबर पर भी सूर्या ने बल्लेबाजी नहीं की। उन्होंने आठवें नंबर पर हर्षित राणा को भेजा। नौवें और दसवें नंबर पर अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव को बल्लेबाजी का मौका दिया गया। सूर्यकुमार यादव आखिरी विकेट तक बल्लेबाजी के लिए नहीं आए। हालांकि वह पूरे समय पैड लगाकर डगआउट में बैठे दिखाई दिए।
ऐसा लगता है कि टीम प्रबंधन और कप्तान ने जानबूझकर यह रणनीति बनाई थी। इसका मुख्य उद्देश्य अन्य खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का अमूल्य मौका प्रदान करना था। टूर्नामेंट के पिछले मैचों में संजू सैमसन, हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे और तिलक वर्मा को पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था।
इस रणनीति से टीम को दोहरा फायदा हुआ है। एक तरफ जहां मध्यक्रम के खिलाड़ियों को मैच का अभ्यास मिला वहीं दूसरी तरफ टीम प्रबंधन को इन खिलाड़ियों के फॉर्म का आकलन करने का मौका मिल गया। यह फैसला सुपर-4 चरण से पहले टीम की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लग रहा है।
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सोची-समझी रणनीति थी। बड़े मैचों से पहले टीम के सभी खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खुद की बल्लेबाजी की संभावना को पीछे रखा और अन्य साथियों को प्राथमिकता दी।
यह फैसला भारतीय क्रिकेट की टीम भावना को दर्शाता है। इसमें व्यक्तिगत उपलब्धियों से ज्यादा टीम की जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है। सुपर-4 में मुश्किल प्रतिद्वंद्वियों का सामना करने से पहले यह कदम टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
भारतीय प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ प्रशंसक सूर्या के बल्लेबाजी न आने से हैरान थे तो वहीं कई लोगों ने इस रणनीति की सराहना की। उनका मानना था कि यह टीम के भविष्य के लिए एक सही निर्णय साबित होगा।
टीम इंडिया अब एशिया कप के सुपर-4 चरण की तैयारी कर रही है। इस चरण में भारत को पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसी मजबूत टीमों का सामना करना होगा। ऐसे में हर खिलाड़ी का आत्मविश्वस बढ़ाना टीम प्रबंधन के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है।
इस मैच में की गई प्रयोगात्मक रणनीति से टीम को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है। सभी खिलाड़ियों को मौका मिलने से टीम में गहराई आई है और कप्तान के पास अब अधिक विकल्प उपलब्ध हैं। यह टीम इंडिया के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
