Rajasthan News: यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को उन्हें छह माह की अंतरिम जमानत प्रदान की। यह जमानत उपचार के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दी गई। आसाराम फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया। आसाराम के स्वास्थ्य को देखते हुए यह जमानत दी गई। इससे पहले उन्हें सुप्रीम कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट से भी इलाज के लिए अंतरिम जमानत मिल चुकी है। वह लंबे समय से नियमित जमानत के लिए प्रयास कर रहे थे।
2018 में मिली थी आजीवन कारावास की सजा
आसाराम को साल 2018 में यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 की रात आसाराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस शिकायत पर पांच दिन बाद 20 अगस्त को आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जोधपुर पुलिस ने एक सितंबर 2013 को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया। उन्हें हवाई मार्ग से जोधपुर लाया गया। गिरफ्तारी के बाद देशभर में उनके समर्थकों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को कई बार लाठीचार्ज करना पड़ा।
लंबी चली कानूनी लड़ाई
मामले में करीब पांच साल तक सुनवाई चली। अदालत ने अप्रैल 2018 में आसाराम को दोषी पाया। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद थे। उनके समर्थक जेल के बाहर लगातार जमावड़ा करते रहे।
आसाराम का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों से खराब चल रहा है। इसके चलते उन्हें पहले भी कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। अदालतों ने पूर्व में भी उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। पर नियमित जमानत हर बार खारिज होती रही।
वर्तमान में निजी अस्पताल में चल रहा इलाज
आसाराम फिलहाल एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही है। चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर ही यह जमानत दी गई। छह माह की यह जमानत विशेष परिस्थितियों में प्रदान की गई है।
हाईकोर्ट ने जमानत पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। आसाराम को निर्धारित समय में अदालत में हाजिर होना होगा। उनकी चिकित्सा प्रगति की नियमित रिपोर्ट अदालत को देनी होगी। जमानत की अवधि पूरी होने पर उन्हें स्वेच्छा से जेल लौटना होगा।
