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शुक्रवार, 22 सितम्बर,2023

देश का नाम भारत होते ही आप पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ, पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत बदलवाने पड़ेंगे सभी दस्तावेज

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INDIA vs BHARAT ROW: इंडिया का नाम पूरी तरह से खत्म करके सिर्फ ‘भारत’ कर दिया गया तो देश के सभी नागरिकों को अपने दस्तावेजों में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर यह साफ नहीं हुआ है कि संसद के आने वाले विशेष सत्र में इस तरह का कोई संविधान संशोधन प्रस्तावित है।

देश 1947 में आजाद हुआ और 1950 से अपना संविधान लागू है। अब तक के सारे दस्तावेजों में देश के अंग्रेजी नाम के लिए ‘India’और हिंदी में ‘भारत’ इस्तेमाल होता आया है। लेकिन, जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit)के मेहमानों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से डिनर के लिए जारी निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने के बाद ऐसा होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

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इंडिया के भारत होने से क्या होगा बदलाव?

कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जी20 से संबंधित और भी कागजातों-पहचान पत्रों पर अंग्रेजी में भी देश का नाम ‘India’ की जगह ‘Bharat’ ही लिखा हुआ है। मसलन ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’। अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस विचार को लेकर आगे बढ़ी और अटकलों के मुताबिक ‘इंडिया’ नाम बदल देने का फैसला किया तो हमारे लिए यह जानना जरूरी हो जाएगा कि हमें अपने कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज बदलने पड़ सकते हैं।

इन सभी दस्तावेजों में करवाना होगा बदलाव:-

  • अभी ‘आधार कार्ड’ पर हिंदी में ‘भारत सरकार’ और अंग्रेजी में ‘गवर्मेंट ऑफ इंडिया’ लिखा होता है, जिसे ‘गवर्मेंट ऑफ भारत’ करना पड़ सकता है।
  • इसी तरह ‘वोटर आई कार्ड’ पर ‘भारत निर्वाचन आयोग’ और ‘इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया’ लिखा होता है, जिसे बदलकर ‘इलेक्शन कमीशन ऑफ भारत’ करना होगा।
  • ‘पासपोर्ट’ पर ‘भारत गणराज्य’ के साथ अंग्रेजी में ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ की जगह ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ करना होगा।
  • ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ पर अभी अंग्रेजी में ‘यूनियन ऑफ इंडिया’ लिखा होता है। लेकिन देश का नाम बदलने पर ‘यूनियन ऑफ भारत’ लिखना पड़ेगा।
  • ‘व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट’ पर अंग्रेजी में आज ‘इंडियन यूनियन व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट’ लिखने की परंपरा है। लेकिन, देश के नाम में बदलाव के साथ यह ‘भारत यूनियन व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट’ हो जाएगा।
  • ‘पैन कार्ड’ पर अभी हिंदी में ‘भारत सरकार’ और अंग्रेजी में ‘गवर्मेंट ऑफ इंडिया’ लिखा होता है। जिसे बदलाव के साथ ‘गवर्मेंट ऑफ भारत’ लिखना पड़ेगा। इस तरह से ऐसे जो भी दस्तावेज हम इस्तेमाल करते हैं और उसमें जहां भी अंग्रेजी में इंडिया नाम का इस्तेमाल होता है, देश के नाम में परिवर्तन के साथ उन सबमें सुधार की आवश्यकता पड़ सकती है।

इंडिया हॉलमार्क भी बदलेंगे!

सिर्फ दस्तावेज ही नहीं हैं। देश में कई प्रतिष्ठित संस्थानों के नाम और हॉलमार्क में भी इंडिया का इस्तेमाल होता है। देश का नाम सिर्फ भारत रहने पर उन सब में संशोधन की आवश्यकता पड़ सकती है। जैसे अभी बीआईएस (BIS) या ‘ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स’ है, जो ‘ब्यूरो ऑफ भारतीय स्टैंडर्स’ हो सकता है। इसी तरह आईएसआई (ISI)’इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट’ से ‘भारतीय स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट’ हो सकता है।

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प्रतिष्ठित संस्थानों के नाम भी बदल जाएंगे!

इनके अलावा इसरो (ISRO),एम्स (AIIMS),आईआईटी (IIT),आईआईआईटी (IIIT),आईआईएम (IIM),इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) जैसे तमाम ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जिनमें इंडिया की जगह भारत का उपयोग करना पड़ सकता है।

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