Himachal News: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और चंबा जिलों में दिवाली से पहले आग की घटनाओं ने तबाही मचाई है। किन्नौर के सांगला में दो मकान पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। वहीं चंबा के सलूणी उपमंडल में चार मकान राख के ढेर में बदल गए। इन घटनाओं में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। सौभाग्य से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
किन्नौर जिले के सांगला क्षेत्र की सापनी पंचायत के बटूरी गांव में लकड़ी के दो मकान आग की चपेट में आए। ये मकान विद्या लाल और विजेंद्र सिंह के थे। आग लगने पर दोनों परिवारों के सदस्य सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे। उन्होंने गोशालाओं से मवेशियों को भी बचा लिया। घरों में रखा सारा सामान जलकर नष्ट हो गया।
चंबा में चूल्हे की चिंगारी से लगी आग
चंबा जिले के सलूणी उपमंडल में भांदल पंचायत के भिती धार क्षेत्र में आग की घटना हुई। चूल्हे की चिंगारी से चार मकानों में आग लग गई। जब आग लगी तो मकान मालिक अपने मवेशियों को चराने के लिए पास के जंगल गए हुए थे। घर में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। इस कारण आग तेजी से फैल गई।
हादसे की सूचना मिलते ही पंचायत प्रधान सुरेश कुमार और पटवारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना का जायजा लिया और प्रशासन को सूचना दी। आग लगने से चारों मकान पूरी तरह नष्ट हो गए। मकान मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया है।
प्रशासन ने शुरू की जांच
किन्नौर की आग की घटना के बाद प्रशासन की टीम रविवार को मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से बातचीत की। दोनों जिलों के प्रशासन ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में चूल्हे की चिंगारी को आग का कारण बताया जा रहा है।
पहाड़ी क्षेत्रों में लकड़ी के मकानों में आग लगने की घटनाएं आम हैं। सर्दियों के मौसम में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हो जाती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने मामले में और जानकारी एकत्रित की है।
