शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Army Chief Speech: भारतीय सेना पांचवीं पीढ़ी के युद्ध के लिए तैयार; सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी

Share

India News: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना आधुनिक युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने चेन्नई में आईआईटी मद्रास में यह बात कही। आधुनिक युद्ध में रणनीति और मनोवैज्ञानिक दबदबा महत्वपूर्ण है। सैनिकों को रोबोट के साथ काम करना होगा। जनरल द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ऐतिहासिक बताया। इसने भारत की आतंकवाद-रोधी नीति को नया रूप दिया।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

जनरल द्विवेदी ने आधुनिक युद्ध की रणनीति पर जोर दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 88 घंटे का अभूतपूर्व अभियान बताया। इसने भारत की सटीक और समन्वित कार्रवाई की क्षमता दिखाई। आधुनिक युद्ध के लिए भारत ने पाकिस्तान को युद्धविराम की मांग करने पर मजबूर किया। ऑपरेशन ने आतंकवाद-रोधी सिद्धांत को मजबूत किया। यह अभियान रणनीतिक प्रभाव के लिए मील का पत्थर है।

यह भी पढ़ें:  ITR फाइलिंग: फॉर्म 16 ऑनलाइन डाउनलोड करने की पूरी गाइड

अग्निशोध शोध प्रकोष्ठ का उद्घाटन

सेना प्रमुख ने आईआईटी मद्रास में ‘अग्निशोध’ शोध प्रकोष्ठ का उद्घाटन किया। यह आधुनिक युद्ध के लिए तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देगा। अग्निशोध सेना और शैक्षणिक अनुसंधान को जोड़ेगा। यह रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह पहल सेना के आधुनिकीकरण को गति देगी। राष्ट्रीय तकनीकी मिशनों के तहत सहयोग पर भी जोर दिया गया।

आत्मनिर्भरता पर जोर

जनरल द्विवेदी ने आधुनिक युद्ध के लिए स्वदेशी तकनीक की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सेना पारंपरिक और आधुनिक क्षमताओं का मिश्रण चाहती है। अग्निशोध प्रकोष्ठ रियल-टाइम ऑपरेशनल उपयोग के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देगा। सेना प्रमुख ने विभिन्न राष्ट्रीय मिशनों के तहत सहयोग की बात कही। यह कदम रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।

यह भी पढ़ें:  केदारनाथ धाम: भाई दूज पर भव्य समारोह के साथ बंद हुए कपाट, ऊखीमठ के लिए रवाना हुई बाबा की डोली

सेना की रणनीति और तकनीक

जनरल द्विवेदी ने आधुनिक युद्ध में तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सैनिकों को रोबोट के साथ मिलकर काम करना होगा। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की खुफिया और दंडात्मक क्षमता को दिखाया। सेना प्रमुख ने रक्षा प्रौद्योगिकी में स्वदेशीकरण को सशक्तिकरण का आधार बताया। आईआईटी मद्रास के साथ सहयोग से तकनीकी अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News