शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हथियार उद्योग: रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संघर्ष ने रिकॉर्ड आय दर्ज कराई, अमेरिकी कंपनियों का दबदबा

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World News: दुनिया भर में हथियारों की बिक्री ने पिछले साल एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया की शीर्ष 100 हथियार कंपनियों की कुल आय में बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और कई देशों के सैन्य बजट में इजाफे के कारण हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में चल रहे संघर्ष ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

साल 2024 में इन कंपनियों की संयुक्त आय 679 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है। यह रुझान दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर सैन्यकरण की प्रक्रिया तेज हुई है। कई राष्ट्र अपनी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर नए हथियारों की खरीद पर जोर दे रहे हैं।

इस सूची में शीर्ष स्थान पर अमेरिकी रक्षा दिग्गज लॉकहीड मार्टिन कायम है। यह कंपनी लगातार कई वर्षों से दुनिया की सबसे बड़ी हथियार निर्माता बनी हुई है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सबसे अधिक आय इसी कंपनी ने अर्जित की है। हालांकि, कंपनी विशेष के सटीक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

अमेरिकी कंपनियों ने किया सबसे बड़ा योगदान

शीर्ष 100 कीसूची में अमेरिका की कंपनियों का दबदबा स्पष्ट नजर आता है। इस सूची में शामिल 39 अमेरिकी फर्मों ने मिलकर 334 अरब डॉलर की आय दर्ज की। इनमें से 30 कंपनियों ने अपने राजस्व में वृद्धि देखी। लॉकहीड मार्टिन के अलावा आरटीएक्स, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और बीएई सिस्टम्स जैसी कंपनियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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अमेरिकी रक्षा उद्योग कुछ चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। एफ-35 जेट फाइटर और कोलंबिया क्लास पनडुब्बियों जैसे बड़े प्रोजेक्ट में देरी और लागत वृद्धि की समस्या बनी हुई है। इसके बावजूद, वैश्विक मांग के चलते इन कंपनियों की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में वृद्धि ने उनके राजस्व को बढ़ाने में मदद की।

यूरोप और एशिया की कंपनियों का प्रदर्शन

यूरोप कीकंपनियों ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है। सूची में शामिल 26 यूरोपीय फर्मों में से 23 ने अपनी आय बढ़ाई। इन सभी की संयुक्त आय 151 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। यह वृद्धि यूरोपीय देशों द्वारा रक्षा खर्च बढ़ाने के फैसले का नतीजा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध ने यूरोप में सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण को बदल दिया है। कई देश अब अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय हथियार निर्माताओं को लाभ हुआ है। यूक्रेन को सैन्य सहायता की आपूर्ति ने भी इस क्षेत्र में उत्पादन को गति प्रदान की है।

भारतीय रक्षा कंपनियों ने दर्ज की उल्लेखनीय बढ़त

भारत कीतीन कंपनियां भी इस वैश्विक सूची में जगह बनाने में सफल रही हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने मिलकर 7.5 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है।

यह वृद्धि भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ नीतियों का सीधा परिणाम है। घरेलू रक्षा ऑर्डरों में वृद्धि ने इन कंपनियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाया है। भारत अब रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे स्थानीय उद्योग को बड़ा समर्थन मिला है।

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रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस सूची में 44वें स्थान पर है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड 58वें और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स 91वें स्थान पर मौजूद हैं। इन कंपनियों की रैंकिंग में सुधार देश के रक्षा उत्पादन क्षमता के विस्तार का संकेत देता है।

भू-राजनीतिक तनाव ने बढ़ाई मांग

विश्लेषकोंका मानना है कि वर्तमान वैश्विक हालात ने हथियारों की मांग को बढ़ा दिया है। पारंपरिक सैन्य गठजोड़ों में बदलाव आ रहे हैं। कई देश अपनी रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने में लगे हुए हैं। इस सबके चलते रक्षा बजट में लगातार इजाफा हो रहा है।

मध्य पूर्व में तनाव और दक्षिण चीन सागर में गतिरोध जैसे मुद्दे भी चिंता का कारण बने हुए हैं। इन सभी कारकों ने मिलकर हथियार बाजार को गर्म रखा है। नई प्रौद्योगिकियों जैसे कि ड्रोन और साइबर वॉरफेयर में निवेश भी तेज हुआ है। यह रुझान आने वाले वर्षों में जारी रहने की उम्मीद है।

वैश्विक हथियार बाजार की यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। हथियारों की होड़ का दुनिया की स्थिरता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। संसाधनों के आवंटन पर भी इसके गहरे निहितार्थ हैं। रिपोर्ट इस बढ़ते सैन्यकरण की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करती है।

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