Himachal News: हिमाचल प्रदेश की भट्ठाकुफर फल मंडी में सेब की कीमतें तेजी से गिरी हैं। सेब और नाशपाती की आवक बढ़ने से दामों में कमी आई है। रेड गोल्डन सेब की 20 किलो की पेटी, जो पहले 1,200-1,500 रुपये में बिकती थी, अब 500-1,000 रुपये में बिक रही है। बागवानों का कहना है कि इस गिरावट से उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। मंडी में रोजाना हजारों पेटियां पहुंच रही हैं।
रॉयल सेब के दामों में कमी
रॉयल सेब की कीमतों में भी 200-300 रुपये प्रति पेटी की गिरावट दर्ज हुई है। एक हफ्ते पहले ए-ग्रेड सेब 2,400-3,600 रुपये प्रति पेटी बिक रहे थे। अब ये 2,000-2,800 रुपये में बिक रहे हैं। मंडी के आढ़तियों के अनुसार, रेड गोल्डन और रॉयल सेब की खेप सबसे ज्यादा आ रही है। इसके अलावा गोल्डन, स्पर और गाला सेब भी मंडी में उपलब्ध हैं। बागवानों को दामों में कमी से निराशा हो रही है।
बागवानों की चिंता बढ़ी
ठियोग के बागवान दौलत राम ने बताया कि निचले और मध्यम इलाकों के सेब को हर साल बेहतर दाम मिलते हैं। लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन शुरू होने पर सेब की कीमतें गिर जाती हैं। इस साल फफूंद जनित बीमारियों ने फसल को नुकसान पहुंचाया है। बागवानों का कहना है कि खाद, स्प्रे और लेबर का खर्चा प्रति पेटी 750 रुपये तक आता है, लेकिन दाम कम होने से मुनाफा नहीं मिल रहा।
मंडी में आवक और कीमतों का हाल
फल मंडी में शुक्रवार को 10-12,000 पेटी नाशपाती और 15-20,000 पेटी सेब पहुंचे। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप चौहान ने बताया कि रॉयल सेब 2,200-2,700 रुपये प्रति पेटी बिक रहा है। स्पर सेब के दामों में भी गिरावट आई है। मंडी में सेब और नाशपाती की भारी आवक के कारण कीमतें और नीचे आ सकती हैं। बागवानों को उम्मीद है कि भविष्य में दामों में सुधार होगा।
