California News: दुनिया भर की टेक कंपनियों में खर्च कम करने की होड़ लगी है। अब इस लिस्ट में एप्पल भी शामिल हो गई है। कंपनी ने अपनी सेल्स टीम में कुछ पद कम करने का फैसला किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के साथ जुड़ाव को और बेहतर बनाना है। कंपनी ने साफ किया है कि वह अभी भी दूसरे विभागों में भर्तियां कर रही है। प्रभावित कर्मचारियों को कंपनी के भीतर ही दूसरी नौकरी खोजने का मौका मिलेगा। इसके लिए उन्हें 20 जनवरी तक का समय दिया गया है।
किन कर्मचारियों पर पड़ेगा असर?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले का सीधा असर अकाउंट मैनेजर्स पर पड़ेगा। ये कर्मचारी बड़े बिजनेस और शिक्षण संस्थानों को संभालते थे। इसके अलावा, ब्रीफिंग सेंटर में काम करने वाले कुछ लोगों की नौकरी भी खतरे में है। यहाँ कंपनी ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट्स का डेमो देती है। अमेरिकी रक्षा और न्याय विभाग के साथ काम करने वाली टीम को सबसे बड़ा झटका लगा है।
सरकारी बजट में कटौती का असर
सरकारी कामकाज पर नजर रखने वाली टीम पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रही थी। सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) द्वारा बजट में कटौती ने हालात और खराब कर दिए हैं। इसके चलते एप्पल की सरकारी सेल्स टीम दबाव में थी। 43 दिनों की सरकारी बंदी ने भी इस विभाग के काम को प्रभावित किया है। अब कंपनी ने इस टीम को छोटा करने का कड़ा कदम उठाया है।
अन्य टेक कंपनियों का हाल
एप्पल ने यह जानकारी नहीं दी है कि कुल कितने लोगों की नौकरी गई है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब कई अमेरिकी कंपनियां स्टाफ कम कर रही हैं। हाल ही में वेरिजोन और आईबीएम जैसी कंपनियों ने भी छंटनी की घोषणा की है। टेक इंडस्ट्री पर मंदी और अनिश्चितता का दबाव साफ दिखाई दे रहा है। कंपनियां अब सावधानी से खर्च कर रही हैं।
