शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स: डिफेंस कंपनी को DRDO से मिला 39 करोड़ का ऑर्डर, शेयरों में दिखा उछाल

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Telangana News: हैदराबाद की डिफेंस कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने DRDR और डिफेंस PSUs से 39.27 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए। कंपनी को सबसे कम बोली लगाने वाला चुना गया। इस खबर से इसके शेयरों में 3 फीसदी की तेजी आई। कंपनी ने ग्रेनेड्स के लिए मेकोट्रॉनिक फ्यूज की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी भी प्राप्त की। यह उपलब्धि कंपनी की नवाचार क्षमता को दर्शाती है।

DRDO और डिफेंस PSUs से मिले ऑर्डर

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसे DRDO से 4.3 करोड़ और डिफेंस PSUs से 34.97 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। ये ऑर्डर एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र में कंपनी की स्थिति को मजबूत करेंगे। कंपनी ने बताया कि ये ऑर्डर नए प्रोजेक्ट्स को गति देंगे। इसके अलावा, DRDO ने ग्रेनेड्स के लिए मेकोट्रॉनिक फ्यूज की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को मंजूरी दी।

शेयरों में जबरदस्त उछाल

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में इस घोषणा के बाद 2.97 फीसदी की तेजी देखी गई। शेयर की कीमत 293.05 रुपये से बढ़कर 301.75 रुपये हो गई। पिछले तीन महीनों में शेयर 62 फीसदी और छह महीनों में 145 फीसदी उछला। बीते पांच सालों में इसने 2592 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया। यह निवेशकों के लिए आकर्षक बन गया है।

कंपनी का व्यवसाय और सेवाएं

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स डिफेंस, एयरोस्पेस, परिवहन और होमलैंड सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में काम करती है। यह इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल और इंजीनियरिंग डिज़ाइन सॉल्यूशंस प्रदान करती है। कंपनी रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी सक्रिय है। इसकी सेवाएं उच्च गुणवत्ता वाली हैं, जिसके कारण इसे डिफेंस क्षेत्र में भरोसा मिला है। कंपनी का फोकस नवाचार और तकनीकी उन्नति पर है।

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विदेशी निवेशकों का बढ़ता भरोसा

जून 2025 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के 2,10,22,112 शेयर खरीदे। इससे उनकी हिस्सेदारी 7.16 फीसदी हो गई। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 42,40,713 शेयर खरीदे, जिससे उनकी हिस्सेदारी 1.61 फीसदी हुई। यह मार्च 2025 की तुलना में अधिक है। निवेशकों का यह भरोसा कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी

DRDO ने अपोलो माइक्रो सिस्टम्स को ग्रेनेड्स के लिए मेकोट्रॉनिक फ्यूज की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी दी। यह मंजूरी कंपनी की तकनीकी क्षमता को रेखांकित करती है। यह कदम डिफेंस क्षेत्र में कंपनी की स्थिति को और मजबूत करेगा। इस तरह की तकनीकी उपलब्धियां कंपनी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाती हैं। यह डिफेंस स्टॉक को निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाता है।

निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों का प्रदर्शन निवेशकों के लिए आकर्षक रहा है। कंपनी के मजबूत ऑर्डर बुक और तकनीकी नवाचार ने इसे बाजार में खास बनाया है। डिफेंस और एयरोस्पेस क्षेत्र में बढ़ती मांग के बीच कंपनी की स्थिति मजबूत हो रही है। निवेशक इस डिफेंस स्टॉक पर नजर रख रहे हैं। इसका प्रदर्शन भविष्य में भी सकारात्मक रहने की उम्मीद है।

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बाजार में कंपनी की स्थिति

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने डिफेंस और एयरोस्पेस क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। कंपनी के ऑर्डर और तकनीकी मंजूरी ने इसके शेयरों को गति दी है। बाजार में इसकी स्थिति लगातार सुधर रही है। डिफेंस क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता के बीच कंपनी के लिए नए अवसर खुल रहे हैं। यह निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन रहा है।

भविष्य की योजनाएं

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स डिफेंस और एयरोस्पेस के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार कर रही है। कंपनी की तकनीकी क्षमता और ऑर्डर बुक इसे बाजार में मजबूत बनाती है। यह भारत के डिफेंस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में योगदान दे रही है। कंपनी भविष्य में और बड़े ऑर्डर हासिल करने की दिशा में काम कर रही है।

निवेशकों की नजर में डिफेंस स्टॉक

डिफेंस स्टॉक अपोलो माइक्रो सिस्टम्स निवेशकों के बीच चर्चा में है। कंपनी की लगातार बढ़ती ऑर्डर बुक और तकनीकी उपलब्धियां इसे आकर्षक बनाती हैं। शेयरों का शानदार प्रदर्शन और निवेशकों का भरोसा कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। यह डिफेंस क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है। निवेशक इसके भविष्य पर नजर बनाए हुए हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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