Himachal News: शिमला के कोटखाई में थरोला गांव के अंकुश चौहान को तेंदुए का शावक मिला। उन्होंने शावक को गाड़ी में रखकर वन विभाग को सौंपा। वन्य प्राणी विंग इसे तीन दिन तक निगरानी में रखेगा। इसके बाद टुटीकंडी भेजने या जंगल में छोड़ने का फैसला होगा। शावक स्वस्थ है। अंकुश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
तेंदुए के शावक की खोज
शनिवार को अंकुश चौहान को कोटखाई में घर के पास तेंदुए का शावक मिला। वह सड़क किनारे था। अंकुश ने शावक को गाड़ी में रखा। उन्होंने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। शावक को ठियोग में विभाग को सौंप दिया गया। अंकुश ने बताया कि शावक स्वस्थ दिख रहा था। उन्होंने इसे दूध पिलाने के लिए बोतल भी खरीदी। यह घटना स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बनी।
वन विभाग की कार्रवाई
ठियोग के डीएफओ मनीष रामपाल ने बताया कि शावक स्वस्थ है। इसे वन्य प्राणी विंग के पास रखा गया है। तीन दिन तक इसकी निगरानी होगी। इसके बाद टुटीकंडी पुनर्वास केंद्र भेजने या जंगल में छोड़ने का फैसला होगा। वन विभाग शावक की देखभाल कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सही निर्णय लिया जाएगा। यह सुनिश्चित होगा कि शावक सुरक्षित रहे।
अंकुश का सराहनीय कदम
अंकुश चौहान का यह कदम सराहनीय है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने शावक को सुरक्षित वन विभाग तक पहुंचाया। अंकुश ने बताया कि पहले भी उन्होंने एक भालू के बच्चे को विभाग को सौंपा था। उनकी जागरूकता से वन्य जीवों की सुरक्षा में मदद मिली। स्थानीय लोग उनके इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं।
वन्य जीवों की सुरक्षा पर जोर
यह घटना वन्य जीवों की सुरक्षा पर ध्यान दिलाती है। शिमला के जंगलों में तेंदुए आम हैं। लेकिन शावकों का अकेले मिलना चिंता का विषय है। वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की। जंगली जानवरों के करीब न जाने की सलाह दी गई। ऐसी घटनाओं से जागरूकता बढ़ती है। वन विभाग और स्थानीय लोगों का सहयोग जरूरी है।
भविष्य की योजना
वन विभाग शावक के लिए उचित कदम उठाएगा। तीन दिन की निगरानी के बाद फैसला होगा। टुटीकंडी पुनर्वास केंद्र में शावक को रखा जा सकता है। या इसे जंगल में छोड़ा जा सकता है। विभाग शावक के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। ऐसी घटनाओं से वन्य जीव संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। लोग भी अब अधिक जागरूक हो रहे हैं।
