Himachal News: अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही अंजली शर्मा ने अपनी ही शादी को लेकर हो रही ट्रोलिंग का मजबूती से जवाब दिया है। धर्मशाला में रवांडा के सिविल इंजीनियर यवेस काजियुका से हिंदू रीति-रिवाज से विवाह के बाद अंजली को सोशल मीडिया पर नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। इस पर अंजली ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर ट्रोलर्स को करारा जवाब देते हुए साफ कहा कि उन्हें लोगों की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह अपने पति के साथ बेहद खुश हैं।
अंजली शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है कि लोग उनके और उनके पति के बारे में बहुत कुछ कह रहे हैं। लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह अपने पति से बहुत खुश हैं क्योंकि वह उनके साथ बहुत इज्जत और तारीफ से पेश आते हैं। उन्होंने ट्रोलर्स से कहा कि अगर वे किसी की जिंदगी के बारे में नहीं जानते हैं तो कृपया उन्हें कमेंट न करें। अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने लोगों से सोचने-समझने की अपील की।
अंजली के इस पोस्ट पर उनकी साथी पर्वतारोही बलजीत कौर ने खूबसूरत कमेंट कर उनका समर्थन किया। बलजीत ने लिखा कि जब आपकी आत्मा किसी के साथ खुश महसूस करे तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह व्यक्ति कैसा दिखता है। जो सच में मायने रखता है वह है एक पवित्र आत्मा और एक पवित्र कनेक्शन। उन्होंने कहा कि लोगों के पास हमेशा कहने के लिए कुछ न कुछ होगा, इसलिए अपनी शक्ति को महसूस करें और अपनी मन की शांति का आनंद लें।
मास्को में हुई थी मुलाकात
अंजली शर्मा और यवेस काजियुका की मुलाकात मास्को में साल 2023 में हुई थी। उस वक्त दोनों को यह नहीं पता था कि यह दोस्ती एक दिन शादी तक जाएगी। इसके बाद दोनों ने धर्मशाला के सैनिक रेस्ट हाउस में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंध गए। शादी में हिमाचल और रवांडा दोनों की संस्कृतियों का खूबसूरत मेल देखने को मिला।
पर्वतारोहण में बनाए हैं विश्व रिकॉर्ड
अंजली शर्मा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की गमरू गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में दो विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। उन्होंने तंजानिया के माउंट किलिमंजारो और रूस के एल्ब्रुस पर्वत की चोटी को हिमाचल की पारंपरिक गद्दी पोशाक ‘लुआंचड़ी’ और साड़ी पहनकर फतह किया। अंजली ने मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
पिता के निधन के बाद मां ने संभाला जिम्मा
अंजली के पिता का साल 2009 में निधन हो गया था। इसके बाद उनकी मां पुष्पा शर्मा ने अकेले ही बेटी का पालन-पोषण किया। कठिनाइयों का सामना करते हुए अंजली ने कई पहाड़ों की चोटियों को फतह किया और आज वह प्रदेश की युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। अब शादी के बाद अंजली और यवेस दोनों एक साथ मिलकर पर्वतारोहण में नए कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं।
पेशे से सिविल इंजीनियर हैं यवेस
यवेस काजियुका पेशे से सिविल इंजीनियर हैं और वर्तमान में अमेरिका में कार्यरत हैं। शादी के बाद दोनों कुछ दिन भारत में बिताएंगे और इसके बाद अमेरिका जा सकते हैं। इस शादी ने साबित किया है कि प्यार किसी भौगोलिक या सांस्कृतिक सीमा से परे होता है। अंजली ने पर्वतारोहण में जिस साहस का परिचय दिया है, उसी तरह की सोच उन्होंने अपने जीवन के निजी फैसलों में भी दिखाई है।
