New Delhi News: उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को उनके रिलायंस ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने ग्रुप की 1,120 करोड़ रुपये की नई संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई है। इस कदम से अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है। जांच एजेंसी लगातार शिकंजा कसती जा रही है।
क्या-क्या हुआ जब्त
ED ने कई तरह की संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया है। इनमें प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस शामिल हैं। साथ ही यस बैंक धोखाधड़ी से जुड़े निवेश भी अटैच किए गए हैं। मुंबई के बैलार्ड एस्टेट स्थित रिलायंस सेंटर समेत 18 संपत्तियों पर कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। अब रिलायंस ग्रुप के खिलाफ कुल जब्ती 10,117 करोड़ रुपये हो गई है।
शेयरों में गिरावट
इस खबर का असर शेयर बाजार पर तुरंत दिखा। अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर शुरुआत में बढ़त पर थे। लेकिन जब्ती की खबर आते ही वे गिर गए। रिलायंस पावर के शेयर 1.36 फीसदी गिरकर 37.65 रुपये पर आ गए। वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में भी गिरावट रही। यह शेयर 1.30 फीसदी टूटकर 156.00 रुपये पर कारोबार करने लगा। निवेशकों में इस खबर से घबराहट देखी गई।
इन कंपनियों पर गिरी गाज
एजेंसी ने कई कंपनियों की संपत्तियों को निशाना बनाया है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सात संपत्तियां जब्त हुई हैं। रिलायंस पावर लिमिटेड की दो संपत्तियां भी लिस्ट में हैं। इसके अलावा रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की नौ संपत्तियां अटैच की गई हैं। कई अन्य सहायक कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट भी अब ED के कब्जे में हैं। इससे पहले ED ने 8,997 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
जांच का दायरा बढ़ा
फिलहाल अनिल अंबानी या उनके ग्रुप ने कोई जवाब नहीं दिया है। लेकिन जांच अब देश के कई शहरों तक फैल गई है। दिल्ली, मुंबई, पुणे और चेन्नई में ग्रुप की संपत्तियां रडार पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में बैंक फ्रॉड मामले में नोटिस जारी किया था। कर्ज में डूबे इस ग्रुप के लिए आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है। निवेशक अब एजेंसी के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
