Dehradun News: उत्तराखंड की राजधानी में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की मौत के बाद तनाव बढ़ गया है। टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने Uttarakhand Police की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मुख्य आरोपी पर 10 लाख रुपये के व्यक्तिगत इनाम की घोषणा की है। देबबर्मा ने पुलिस द्वारा घोषित 25 हजार रुपये के इनाम को मजाक करार दिया। इस नस्लीय हमले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है।
प्रद्योत देबबर्मा ने पुलिस को घेरा
प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि क्या एक होनहार छात्र की जान की कीमत महज 25 हजार रुपये है? देबबर्मा ने साफ किया कि जो भी मुख्य आरोपी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने में मदद करेगा, उसे वे अपनी तरफ से 10 लाख रुपये देंगे। उन्होंने Uttarakhand Police की ढीली कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे उत्तर-पूर्व के लोगों का अपमान बताया है।
क्या था पूरा मामला?
त्रिपुरा के नंदननगर निवासी 24 वर्षीय एंजेल चकमा देहरादून में एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। 9 दिसंबर को कुछ स्थानीय युवकों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की। आरोपियों ने एंजेल को ‘चीनी’ कहकर चिढ़ाया था। विरोध करने पर छह लोगों ने उन पर घातक हमला कर दिया। इस दौरान एंजेल को चाकू से गोद दिया गया था। गंभीर रूप से घायल छात्र ने 26 दिसंबर को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मास्टरमाइंड अब भी फरार है।
पीड़ित परिवार को मिलेगी आर्थिक मदद
इस घटना के बाद त्रिपुरा में दुख और गुस्से की लहर है। टिपरा मोथा पार्टी द्वारा संचालित ‘त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल’ (TTAADC) ने मदद का हाथ बढ़ाया है। परिषद ने एंजेल चकमा के परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। संगठन का कहना है कि वे न्याय के लिए अंतिम समय तक लड़ेंगे।
निष्पक्ष जांच की उठ रही मांग
देहरादून से लेकर त्रिपुरा तक लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि फरार आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। प्रद्योत देबबर्मा ने संकेत दिया है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन तेज होगा। Uttarakhand Police अब फरार आरोपी की तलाश में दबिश दे रही है। फिलहाल, इस हत्याकांड ने नस्लीय भेदभाव और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
