Ahmedabad News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में एक भव्य कार्यक्रम को संबोधित किया। वे साबरमती नदी के किनारे आयोजित ‘प्रमुख वाणी अमृत महोत्सव’ में शामिल हुए। अमित शाह ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज का जीवन शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने कार्यों से सनातन धर्म और सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश किया। यह कार्यक्रम अत्यंत शांत और पवित्र वातावरण में हुआ।
आचरण से सिखाया धर्म का पाठ
अमित शाह ने कहा कि स्वामी जी ने केवल उपदेश नहीं दिया। उन्होंने मूल्यों को अपने जीवन में उतारकर समाज को दिखाया। उन्होंने भक्ति और सेवा को एक साथ जोड़ा। स्वामी जी ने ‘नर में नारायण’ के वैदिक सिद्धांत को सच कर दिखाया। महोत्सव में उनके त्याग और तप को प्रदर्शनी के जरिए दिखाया गया। इसका मकसद नई पीढ़ी को अच्छे संस्कारों से जोड़ना है।
संतों के प्रति बढ़ाया विश्वास
गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद संतों के प्रति श्रद्धा कम हो रही थी। यह सनातन धर्म के लिए एक बड़ी चुनौती थी। प्रमुख स्वामी महाराज ने अपने सेवा भाव से इस संकट को दूर किया। उन्होंने समाज को बताया कि एक सच्चा संत कैसा होता है। उन्होंने अलग-अलग संप्रदायों के संतों को एक मंच पर लाने का काम किया। इससे धर्म को नई मजबूती मिली।
साबरमती तट का ऐतिहासिक महत्व
अमित शाह ने साबरमती के तट को संतों की तपोभूमि बताया। उन्होंने याद दिलाया कि यहीं ऋषि दधीचि ने अपनी अस्थियों का दान किया था। महात्मा गांधी ने भी इसी जगह से आजादी की लड़ाई लड़ी थी। स्वामी जी ने भी 1950 में यहीं बीएपीएस का नेतृत्व संभाला था। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और हर्ष संघवी भी मौजूद रहे।
