शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

अमित शाह: संविधान संशोधन पर विपक्ष के विरोध पर बोले- मैंने भी दिया था इस्तीफा; जानें जस्टिस आफताब आलम के बारे क्या कहा

Share

Delhi News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान के 130वें संशोधन पर विपक्ष के विरोध को लेकर तीखा हमला बोला है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस संशोधन में प्रस्ताव है कि 30 दिन से ज्यादा जेल में रहने वाले नेता का स्वत: इस्तीफा मान लिया जाएगा। शाह ने इस पर अपने निजी अनुभव साझा किए।

अमित शाह का निजी अनुभव

अमित शाह ने बताया कि जब उन पर सीबीआई ने राजनीतिक केस दर्ज किया था तो उन्होंने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि बेल मिलने के बाद भी उन्होंने सभी शर्तें मानीं और पूरी तरह बरी होने के बाद ही कोई पद स्वीकार किया। शाह ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस आफताब आलम का भी जिक्र किया।

यह भी पढ़ें:  लद्दाख विवाद: सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंधों की होगी जांच, पुलिस ने बताया हिंसा का मुख्य सूत्रधार

बेल की लंबी सुनवाई

शाह ने बताया कि जस्टिस आफताब आलम की कृपा से उनकी बेल पर सुनवाई दो साल तक चली। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में किसी की बेल ऐप्लिकेशन इतने लंबे समय तक नहीं चली। शाह ने कहा कि जस्टिस आलम ने रविवार के दिन विशेष अदालत बिठाकर उनकी बेल ऐप्लिकेशन सुनी थी।

मामले की पृष्ठभूमि

गुजरात का गृह मंत्री रहने के दौरान अमित शाह पर शेख सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड का आरोप लगा था। इस मामले में सीबीआई ने तत्कालीन यूपीए सरकार के दबाव में जांच की थी। शाह को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तीन सप्ताह बाद उन्हें हाई कोर्ट से बेल मिल गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी।

यह भी पढ़ें:  Sarkari Naukri: 32 हजार शिक्षकों की नौकरी बची, हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

अदालत की शर्तें

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शाह को आदेश दिया कि बेल पर फैसला होने तक वह गुजरात से बाहर रहें। इस मामले में दो साल बाद फैसला आया था। सीबीआई ने 2014 में अमित शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था कि आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिले हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News