National News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्रियों की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें तुरंत पद छोड़ना होगा। यह नियम केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।
विधेयक के मुख्य प्रावधान
नया विधेयक गंभीर आपराधिक मामलों में डिटेन होने पर पद त्याग को अनिवार्य बनाता है। इसका उद्देश्य निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है। यह प्रावधान जांच एजेंसियों पर दबाव और साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना को रोकेगा। गिरफ्तारी के बाद तत्काल इस्तीफा अनिवार्य होगा।
हाल के मामलों से संबंध
हाल में कई उच्च पदाधिकारियों की गिरफ्तारी ने इस विधेयक की आवश्यकता को रेखांकित किया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं दिया था। वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी पर तुरंत पद त्याग किया था।
संसद में अन्य विधेयक
लोकसभा में कुल चार महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए। इनमें केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक भी इस सत्र का हिस्सा है। सभी विधेयक राष्ट्रीय हित में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
विधेयक के उद्देश्य
यह विधेयक न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास करता है। इससे सरकारी पदों पर बैठे लोगों की जवाबदेही तय होगी। गंभीर आरोपों का सामना कर रहे व्यक्तियों के पद पर बने रहने से संभावित दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। यह भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को मजबूत करेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। कुछ ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का उपकरण बताया है। सत्ता पक्ष ने इसे सुशासन की दिशा में एक साहसिक कदम करार दिया है। विधेयक पर संसद में व्यापक बहस की उम्मीद है।
संवैधानिक प्रक्रिया
विधेयक को कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों की मंजूरी चाहिए। राज्यसभा में बहुमत सुनिश्चित करने के लिए सरकार को विपक्ष का समर्थन चाहिए। विधेयक के पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक होगी। इस पूरी प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
