World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खाद्य आयात पर शुल्क में कटौती का महत्वपूर्ण फैसला किया है। यह निर्णय महंगाई नियंत्रण और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे भारत सहित कई देशों को व्यापारिक लाभ मिलने की संभावना है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की।
व्हाइट हाउस की फैक्टशीट के अनुसार उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के फल जूस चाय और मसालों पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा। इस सूची में कॉफी कोको संतरे टमाटर और बीफ जैसे उत्पाद भी शामिल हैं। यह फैसला अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारत को होने वाले फायदे
इस नए नीति निर्णय से भारत के निर्यात को महत्वपूर्ण लाभ मिल सकता है। भारत अमेरिका को चाय मसाले और विभिन्न खाद्य उत्पादों का निर्यात करता है। शुल्क कटौती के बाद इन उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी। इससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक फ़ायदा मिलेगा।
पहले ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया था। इसके अलावा रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क भी जोड़ा गया था। नई शुल्क नीति से इनमें से कुछ उत्पादों पर राहत मिलेगी। इससे भारत अमेरिका व्यापार संबंधों में सुधार की संभावना है।
महंगाई नियंत्रण का प्रयास
ट्रंप का यह फैसला अमेरिका में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने की रणनीति का हिस्सा है। हाल के महीनों में अमेरिका में खाद्य पदार्थों की कीमतों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई थी। भुनी हुई कॉफी की कीमतों में 18.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। बीफ और वील की कीमतों में 14.7 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया था।
भारत से आयातित मसालों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यह बढ़ी हुई लागत अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं को वहन करनी पड़ रही थी। नई शुल्क नीति से इन उत्पादों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह फैसला अमेरिकी घरेलू राजनीति में महंगाई के बढ़ते महत्व को प्रतिबिंबित होना करता है। हाल के चुनावों में डेमोक्रेट्स पार्टी ने महंगाई को प्रमुख मुद्दा बनाया था। न्यूयॉर्क न्यू जर्सी और वर्जीनिया के चुनावों में महंगाई केंद्रीय मुद्दा बनी हुई थी।
डेमोक्रेट्स ने महंगाई कम करने पर केंद्र रखा जिससे उन्हें मतदाताओं का समर्थन मिला। ट्रंप अंतरराष्ट्रीय मामलों और टैरिफ निवेश में व्यस्त रहने के कारण महंगाई के मुद्दे पर कम केंद्र दे पाए। यह नया फैसला इसी राजनीतिक दबाव का परिणाम माना जा रहा है।
पहले भी हटाए थे टैरिफ
इससे पहले भी ट्रंप ने महंगाई नियंत्रण के लिए जेनेरिक दवाओं से टैरिफ हटाया था। उस फैसले से भारत को महत्वपूर्ण लाभ हुआ था। भारत अमेरिका में निर्धारित 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। दवाओं पर टैरिफ हटाने से भारतीय दवा कंपनियों को फायदा हुआ था।
नए फैसले से भारतीय कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। आम अनार और चाय जैसे उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हो सकती है। इससे भारतीय किसानों और निर्यातकों को लाभ मिल सकता है। अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है।
