Washington News: अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम में भारी बदलाव हुआ है। यूएससीआईएस ने एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स (EAD) की अवधि घटा दी है। यह फैसला लाखों भारतीय पेशेवरों के लिए चिंताजनक है। अमेरिका ने सुरक्षा जांच को पुख्ता करने के लिए यह कदम उठाया है। अब वर्क परमिट की वैधता काफी कम कर दी गई है। एजेंसी का मानना है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी।
सिर्फ 18 महीने मान्य होगा EAD
यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज ने नई समय सीमा तय की है। अब शरणार्थियों और ग्रीन कार्ड आवेदकों को केवल 18 महीने का EAD मिलेगा। पहले अमेरिका में यह अवधि पूरे पांच साल की होती थी। नया नियम 5 दिसंबर 2025 से प्रभावी हो गया है। यह नियम उन सभी आवेदनों पर लागू होगा जो लंबित हैं। यानी पुराने आवेदकों को भी नई नीति का पालन करना होगा।
सुरक्षा के लिए बार-बार होगी जांच
एजेंसी के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने इस फैसले का कारण बताया है। अमेरिका में काम करने की इच्छा रखने वालों की अब बार-बार जांच होगी। इससे प्रशासन को संभावित जोखिमों का पता लगाने में मदद मिलेगी। एजेंसी का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना है। साथ ही, गलत इरादे रखने वाले लोगों को देश से हटाने की प्रक्रिया तेज होगी। अमेरिका अब सार्वजनिक सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करना चाहता।
हालिया घटनाओं से लिया सबक
प्रशासन ने वॉशिंगटन में हुई हालिया घटना का हवाला दिया है। वहां नेशनल गार्ड पर हमला करने वाला व्यक्ति पुराने नियमों के तहत देश में आया था। इस घटना के बाद विदेशी नागरिकों की निगरानी बढ़ा दी गई है। अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि कोई बाहरी व्यक्ति देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो।
भारतीयों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
इस बदलाव का सबसे गहरा असर भारतीय समुदाय पर पड़ेगा। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। वे नौकरी जारी रखने के लिए ईएडी पर ही निर्भर रहते हैं। अब वैधता घटने से उन्हें बार-बार रिन्यूअल कराना होगा। इससे उनकी अनिश्चितता और कागजी कार्यवाही बढ़ जाएगी। रोजगार-आधारित वीजा का लाभ लेने वाले भारतीयों के लिए यह एक बड़ा झटका है।
