New Delhi News: भारत और ब्राजील ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का फैसला किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ब्राजील के विशेष सलाहकार सेल्सो अमोरिम के साथ छठा रणनीतिक संवाद आयोजित किया। यह बैठक अगस्त में अमेरिकी टैरिफ के बाद हुई है और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का संकेत देती है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ब्राजील यात्रा की तैयारी का हिस्सा था। दोनों देशों ने वैश्विक मंचों पर समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया।
अमेरिकी टैरिफ ने बदली रणनीति
अगस्त 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ ने भारत-ब्राजील संबंधों में नई जान फूंकी है। इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर विस्तार से बातचीत की। दोनों नेताओं ने टैरिफ के आर्थिक प्रभावों पर चर्चा की और सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
इस फोन वार्ता के तुरंत बाद ही रणनीतिक संवाद का आयोजन किया गया। ब्राजील के राष्ट्रपति ने 2026 की शुरुआत में भारत की आधिकारिक यात्रा का भी प्रस्ताव रखा। यह विकासशील देशों के बीच बढ़ते सहयोग की ओर इशारा करता है।
मुख्य चर्चा के बिंदु
रक्षा और सुरक्षा सहयोग इस बैठक का प्रमुख एजेंडा था। दोनों देश आतंकवाद और सीमा सुरक्षा पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए। उन्होंने संयुक्त सैन्य अभ्यास और रक्षा प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान पर भी विचार विमर्श किया। यह सहयोग दोनों देशों की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित होगा।
ऊर्जा और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष जोर दिया गया। ब्राजील के पास दुर्लभ मिट्टी और महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार हैं। भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों और हरित प्रौद्योगिकी के लिए इन खनिजों की आवश्यकता है। यह साझेदारी भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी।
बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा
दोनों देशों ने BRICS और IBSA जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। ब्राजील नवंबर 2025 में COP30 जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करेगा। भारत ने इस सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी का वादा किया। जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना दोनों देशों की प्राथमिकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक को वैश्विक परिदृश्य पर उपयोगी चर्चा बताया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने रणनीतिक सहयोग को गहरा करने के अवसरों की पहचान की। यह संवाद द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाला साबित होगा।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
यह साझेदारी भारत की आत्मनिर्भर भारत योजना को मजबूत करेगी। ब्राजील दक्षिण अमेरिका का एक प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक शक्ति है। दोनों देशों के बीच बढ़ता सहयोग भारत की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करेगा। यह विकासशील देशों के बीच एक नया गठबंधन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ऊर्जा सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण के लिए यह साझेदारी अहम है। भारत को हरित प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में ब्राजील के साथ मिलकर काम करने के व्यापक अवसर मिलेंगे। यह सहयोग दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा।
