Religion News: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 18 अगस्त को शुरू होगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है।
अजा एकादशी का महत्व
हिंदू शास्त्रों में अजा एकादशी को पापनाशिनी तिथि माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत जाने-अनजाने में किए गए पापों का नाश करने वाला माना जाता है। इस बार एकादशी पर सिद्धियोग और वज्रयोग का संयोग बन रहा है, जो व्रत के महत्व को और बढ़ाता है।
व्रत के नियम और पूजा विधि
अजा एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि यानी 18 अगस्त से ही शुरू हो जाते हैं। व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन करना चाहिए और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। व्रत के दिन चावल, मसूर दाल, बैंगन, गाजर, शलगम और पालक का सेवन वर्जित है।
व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। इस दिन ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। व्रत का पारण 20 अगस्त को द्वादशी तिथि में करना शुभ माना जाता है।
भाद्रपद अमावस्या की तिथि
भाद्रपद मास की पिठोरी अमावस्या इस साल 4 सितंबर को पड़ेगी। अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और पिंड दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
