New Delhi News: भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी खुशखबरी दी है। कंपनी ने भारत में आरसीएस (RCS) मैसेजिंग लॉन्च करने के लिए गूगल के साथ एक अहम साझेदारी की है। इस समझौते के बाद एयरटेल यूजर्स को अब पुराने एसएमएस (SMS) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यह नई तकनीक व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ऐप्स को कड़ी टक्कर देगी। पहले कंपनी ने सुरक्षा कारणों से इस सर्विस को अपनाने से मना कर दिया था।
स्मार्टफोन यूजर्स के लिए क्या बदलेगा?
अगर आप एयरटेल सिम और एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका मैसेजिंग अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा। आरसीएस (RCS) के जरिए आप बिना किसी थर्ड पार्टी ऐप के हाई-क्वालिटी फोटो और वीडियो भेज सकेंगे। इसमें आपको ग्रुप चैट, रीड रिसीट और टाइपिंग इंडिकेटर जैसे आधुनिक फीचर्स मिलेंगे। यह सर्विस मोबाइल डेटा और वाई-फाई दोनों नेटवर्क पर काम करती है। इसका सीधा मतलब है कि अब टेक्स्ट मैसेजिंग पहले से ज्यादा तेज और मजेदार होगी।
गूगल और एयरटेल के बीच क्या हुई डील?
शुरुआत में एयरटेल ने स्पैम मैसेज के खतरे को देखते हुए इस तकनीक से दूरी बनाई थी। अब गूगल ने कंपनी के इंटेलिजेंट स्पैम फिल्टर के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों कंपनियों के बीच 80:20 का रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल तय हुआ है। इस डील के तहत एयरटेल प्रति आरसीएस मैसेज के लिए 0.11 रुपये चार्ज करेगा। इस कदम के साथ ही अब जियो, वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल तीनों प्रमुख कंपनियां इस तकनीक को सपोर्ट करती हैं।
आखिर क्या है आरसीएस टेक्नोलॉजी?
आरसीएस (RCS) एक ग्लोबल मैसेजिंग स्टैंडर्ड है। इसे जीएसएमए (GSMA) ने साल 2007 में पारंपरिक एसएमएस को अपग्रेड करने के लिए बनाया था। इसका उद्देश्य मोबाइल इनबॉक्स को व्हाट्सएप जैसा स्मार्ट बनाना है। इसके जरिए आप लोकेशन शेयरिंग और बड़ी फाइल्स भी आसानी से भेज सकते हैं। यह तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है और अब यह भारतीय टेलीकॉम बाजार में एक नया मानक बन गई है।
