Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में Air Pollution (वायु प्रदूषण) अब जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। इलनेस टू वेलनेस फाउंडेशन की एक ताजा रिपोर्ट ने सबको डरा दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की जहरीली हवा से परेशान होकर 40 फीसदी लोग शहर छोड़ने का मन बना रहे हैं। प्रदूषण के कारण लोगों की औसत उम्र 8 साल तक कम हो रही है। यह संकट अब केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं रह गया है।
स्ट्रोक और बीमारियों का बढ़ा खतरा
रिपोर्ट जारी करते हुए डॉ. दलजीत सिंह ने Air Pollution के खतरों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में स्ट्रोक के 17 फीसदी मामले सीधे तौर पर प्रदूषण से जुड़े हैं। जहरीली हवा से सांस की बीमारियों के साथ-साथ मनोभ्रंश (Dementia) का खतरा भी बढ़ रहा है। दिल्ली में हालात इतने खराब हैं कि अब तुरंत कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
दिल्ली को अरबों रुपये का नुकसान
प्रदूषण केवल सेहत ही नहीं, बल्कि जेब पर भी भारी पड़ रहा है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि Air Pollution की वजह से दिल्ली को हर साल 64,250 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह रकम शहर की कुल जीडीपी का लगभग 6 फीसदी है। खराब हवा के चलते लोग बाजारों में कम निकल रहे हैं और पर्यटक भी आने से कतराते हैं। स्कूलों के बार-बार बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
वाहनों और धूल ने बिगाड़े हालात
रिपोर्ट में प्रदूषण के मुख्य कारणों पर भी बात की गई है। दिल्ली में गाड़ियों का धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और फैक्ट्रियों का कचरा Air Pollution बढ़ा रहा है। पूर्व स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि साफ हवा के लिए सरकार और आम जनता को मिलकर काम करना होगा। अब केवल बातों से नहीं, बल्कि जमीनी सुधारों से ही भविष्य सुरक्षित होगा।
