Aviation News: एयर इंडिया में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। दो पायलट बिना जरूरी लाइसेंस के विमान उड़ा रहे थे। एक को-पायलट का अंग्रेजी भाषा प्रवीणता लाइसेंस समाप्त हो चुका था। दूसरे कैप्टन ने आवश्यक प्रवीणता परीक्षण में असफल होने के बाद प्रशिक्षण नहीं लिया।
यह घटना डीजीसीए की चेतावनी के महज पांच महीने बाद हुई है। जानकारी मिलने के बाद दोनों पायलटों को ग्राउंड कर दिया गया। उन्हें फ्लाइट रोस्टर से हटा दिया गया है। एयर इंडिया ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।
लापरवाही के विवरण
एयरबस ए320 का को-पायलट इंस्ट्रूमेंट रेटिंग परीक्षण में असफल रहा था। उसने सुधारात्मक प्रशिक्षण के बिना ही उड़ान भरी। वरिष्ठ कमांडर ने अंग्रेजी भाषा प्रवीणता लाइसेंस समाप्त होने के बावजूद विमान संचालित किया। यह लाइसेंस अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत अनिवार्य है।
एक वरिष्ठ पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि परीक्षण में असफल होना बड़ी बात नहीं है। लेकिन बिना प्रशिक्षण के उड़ान भरना गंभीर लापरवाही है। एयर इंडिया की निगरानी प्रणाली कमजोर लग रही है। यह यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
डीजीसीए की चेतावनी
डीजीसीए ने जून में अहमदाबाद विमान दुर्घटना के एक सप्ताह बाद ही चेतावनी जारी की थी। इसमें रोस्टरिंग और लाइसेंसिंग उल्लंघनों पर सख्त रुख अपनाने की बात कही गई थी। भविष्य में ऐसी गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया गया था। इसके बावजूद एयर इंडिया में लापरवाही जारी रही।
विमानन नियामक ने स्पष्ट किया था कि लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी एयरलाइंस को अपने पायलटों के लाइसेंस की नियमित जांच करनी चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही यात्री सुरक्षा के लिए खतरा है। नियमों का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि प्रशिक्षण टीम ने इस घटना का पता लगाया। तुरंत क्रू शेड्यूलर और शामिल पायलट को ऑफ-रोस्टर कर दिया गया। मजबूत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी है। डीजीसीए को इसकी जानकारी दे दी गई है।
एयरलाइन ने सभी पायलटों को अलर्ट भेजा है। उन्हें सभी वैधता जांचने के निर्देश दिए गए हैं। कंपनी ने डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम मजबूत करने का भी फैसला किया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं।
पिछले रिकॉर्ड में लापरवाही
एयर इंडिया ने 2014 में 102 पायलटों के लैप्स्ड लाइसेंस का मामला झेला था। तब डीजीसीए ने सख्ती दिखाई थी। 2023 में दस पायलटों को सिमुलेटर टेस्ट न करने पर ग्राउंड किया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि एयरलाइंस को डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है।
लाइसेंसिंग उल्लंघन उड़ान जोखिम बढ़ा सकता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह चिंताजनक स्थिति है। डीजीसीए की जांच में यदि लापरवाही साबित हुई तो एयर इंडिया पर भारी जुर्माना लग सकता है। कंपनी को अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं सुधारनी होंगी।
विमानन सुरक्षा पर प्रभाव
विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन गंभीर मामला है। यह यात्री सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है। अंग्रेजी भाषा प्रवीणता लाइसेंस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए महत्वपूर्ण है। यह एयर ट्रैफिक नियंत्रण के साथ संचार सुनिश्चित करता है।
इंस्ट्रूमेंट रेटिंग प्रवीणता परीक्षण पायलट की तकनीकी क्षमता सुनिश्चित करता है। बिना प्रशिक्षण के उड़ान भरना जोखिम भरा हो सकता है। एयरलाइंस को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से लेनी चाहिए। यात्री सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
