शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

WhatsApp पर AI बदलाव: 2026 से बंद होंगे ChatGPT जैसे थर्ड-पार्टी चैटबॉट

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Tech News: मेटा कंपनी ने व्हाट्सएप के लिए एक बड़ा फैसला किया है। जनवरी 2026 से व्हाट्सएप पर कोई भी थर्ड-पार्टी एआई चैटबॉट काम नहीं करेगा। इसमें चैटजीपीटी, परप्लेक्सिटी एआई और अन्य ऑटोमेशन टूल शामिल हैं। कंपनी ने यह फैसला प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है।

ओपनएआई ने पुष्टि की है कि 15 जनवरी 2026 के बाद चैटजीपीटी व्हाट्सएप पर उपलब्ध नहीं रहेगा। मेटा की नई बिजनेस एपीआई पॉलिसी के अनुसार कोई भी बाहरी एआई सर्विस व्हाट्सएप पर इस्तेमाल नहीं की जा सकेगी। इससे कई बिजनेस और यूजर्स प्रभावित होंगे।

कौन होंगे प्रभावित

व्हाट्सएप बिजनेस एपीआई यूजर्स इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। ये वे कंपनियां हैं जो ग्राहक सहायता या ऑटो रिस्पॉन्स के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रही थीं। एआई स्टार्टअप और चैट सर्विस प्रोवाइडर्स भी प्रभावित होंगे। वे सभी सामान्य यूजर्स भी प्रभावित होंगे जो चैटजीपीटी नंबर से बातचीत करते थे।

अनुमान है कि यह बदलाव लगभग 50 मिलियन यूजर्स को प्रभावित करेगा। ओपनएआई ने कहा कि वह चैटजीपीटी को व्हाट्सएप पर जारी रखना चाहता था। लेकिन मेटा की नई पॉलिसी के कारण अब यह संभव नहीं है। कंपनियों को अब वैकल्पिक प्लेटफॉर्म खोजने होंगे।

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सुरक्षा कारणों से लिया फैसला

मेटा का कहना है कि बाहरी एआई टूल्स प्लेटफॉर्म पर भारी सर्वर लोड पैदा कर रहे थे। स्पैमिंग और डेटा सुरक्षा के जोखिम भी बढ़ रहे थे। कंपनी अब अपने खुद के मेटा एआई सिस्टम को व्हाट्सएप में इंटीग्रेट करने पर ध्यान दे रही है। इसमें लामा थ्री और मेटा एआई चैटबॉट शामिल हैं।

आने वाले समय में व्हाट्सएप पर सिर्फ मेटा के अपने एआई टूल्स ही काम करेंगे। कंपनी का मानना है कि इससे प्लेटफॉर्म अधिक सुरक्षित और नियंत्रित रहेगा। यूजर्स का डेटा बेहतर ढंग से सुरक्षित रह सकेगा। प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन भी बेहतर होगा।

चैट हिस्ट्री को कैसे सुरक्षित करें

व्हाट्सएप किसी चैटबॉट की चैट्स एक्सपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता। इसलिए ओपनएआई ने एक वैकल्पिक तरीका पेश किया है। यूजर्स को चैटजीपीटी ऐप डाउनलोड करना होगा। वैकल्पिक रूप से चैट.ओपनएआई.कॉम वेबसाइट भी इस्तेमाल की जा सकती है।

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अपने अकाउंट में लॉगिन करने के बाद यूजर्स को व्हाट्सएप में चैटजीपीटी कॉन्टैक्ट खोलना होगा। प्रोफाइल लिंक पर टैप करके अकाउंट लिंक करना होगा। लिंक होने के बाद व्हाट्सएप चैट हिस्ट्री चैटजीपीटी ऐप में सेव हो जाएगी। इस तरह यूजर्स अपनी पुरानी चैट्स नहीं खोएंगे।

भविष्य की योजना

15 जनवरी 2026 के बाद व्हाट्सएप पर चैटजीपीटी और अन्य एआई बॉट्स काम करना बंद कर देंगे। केवल मेटा के आधिकारिक एआई फीचर्स उपलब्ध रहेंगे। एआई ड्रिवन बिजनेस चैट्स को ओपनएआई ऐप या वेबसाइट पर शिफ्ट करना होगा। मेटा आने वाले महीनों में अपने मेटा एआई चैट असिस्टेंट को व्हाट्सएप में इंटीग्रेट करेगी।

यह फैसला दिखाता है कि मेटा व्हाट्सएप को सिर्फ एक चैट ऐप नहीं बल्कि अपने एआई इकोसिस्टम का हिस्सा बनाना चाहता है। आने वाले समय में यूजर्स को मेटा एआई फीचर्स व्हाट्सएप पर मिल सकते हैं। इसमें इमेज जेनरेशन और स्मार्ट सजेशन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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